देखो वीरां चमन है सारा
कुछ हमको कर जाना होगा,
एक फूल से क्या जग सारा गुलशन ही महकाना होगा।
देखो वीरां ..............
रहे ना कोई वतन में भूखा,
हर हाथ को काम दिलाना होगा।
देखो वीरां ...............
अवला कोई ना छलवाये फिर,
गद्दारों से बचाना होगा।
देखो वीरां .................
अब ना भटके कोई बटोही,
हमको राह दिखाना होगा।
देखो वीरां ..............
प्रेम ढाई आखर जानो,
गढ लो! इन्हें पढ़ाना होगा।
देखो वीरां ................
याद रखे ये सारी दुनिया,
कुछ ऐसा कर जाना होगा।
देखो वीरां ................
ओ यारों हम हैं हिन्दुस्तानी,
ओ वीरों हम हैं हिन्दुस्तानी।
कोई ना भाषा हमने जानी,
प्रेम की बोली सच है मानी।
ओ वीरों हम हैं ...............
राम कृष्ण जहाँ जन्म लिए,
तुलसी कबीरा रसखान जिये।
ओ वीरों हम हैं ...............
हिन्दू मुस्लिम एक यहाँ है,
सिक्ख इसाई भाई।
मजहब इनका यहाँ वही कुछ,
लाल एक ही भाई।
ओ वीरों हम हैं .............
गीता बाचें जो कुरान को,
वहीं अप जाने पुराण को।
एक ही स्याही लिखें हैं सारे,
प्रेम की डोर बँधे हैं सारे।
ओ वीरों हम हैं .............
वीर सिपाही कफन बाँधकर हो जाओ तैयार। ―2
दुश्मन देखो कब आ जाए, सरहद के इस पार।
कभी यकीं ना करना इनपे वीरों,
इनका छल आभूषण वीरों।
जाने कौन भी पीठ हमारे। ―2
वीर सिपाही ................
हर घर दीप जलाना तुमको,
देश प्रेम सिखलाना तुमको।
इनको मार भगाना तुमको, ―2
सरहद के उस पार।
वीर सिपाही ..................
हिन्दू मुस्लिम यहाँ भेद क्या,
है कुरान गीता में भेद क्या।
बस केवल तुम लाल हो माँ के, ―2
दो दुश्मन को ललकार।
वीर सिपाही ................
नहीं भागता यदि करगिल से तो,
देश द्रोह यदि करता हमसे तो।
तुम घुसपैठी घुसने ना देना,
सर कलम करो तलवार।
वीर सिपाही ................
यारों हम हैं भारतवासी,
वीरों हम हैं भारतवासी।
यहाँ ना छोटा बड़ा है कोई,
यहाँ ना हिन्दू मुस्लिम कोई।
यारों हम हैं ...............
देश के खातिर मिट जायेंगे,
इंकलाब हाँ लिखे जायेंगे।
यारों हम हैं ...............
सर अपना हम नहीं झुकायें,
सिर चाहे जितने कट जायें।
यारों हम हैं ...............
आज तिरंगा हम लहरायेंगे,
वतन हमारा कह जायेंगे।
यारों हम हैं ...............
आओ वीरों नाचे गायें,
आजादी का जश्न मजायें
यारों हम हैं ...............
सपनों के मेरे भारत का, अब जाने क्या होगा।
सपनों के मेरे भारत का, रब जाने क्या होगा।
हर गुलशन में फूल खिलेंगे, हमने तो सोचा था।
हिन्दू मुस्लिम एक रहेंगे, हमने तो सोचा था
सपनों के मेरे भारत ―2..................
हर घर खुशियों से भर देंगे, यह भी तो सोचा था।
हर बस्ती हो अमन चैन की, यह भी तो सोचा था।
सपनों के मेरे भारत ―2..................
सच होगा सपना हम सब का, यह भी तो सोचा था।
द्वेष, ईर्ष्या न ही कलह हो, यह भी तो सोचा था।
सपनों के मेरे भारत ―2..................
सपनों की सपने होते, यह कभी नहीं सोचा था।
आस्तीन में साँप पले, यह कभी नहीं सोचा।
सपनों के मेरे भारत ―2..................
आज देश में भ्रष्टाचारी, कैसे फैल गये यारों।
माँ के आँचल आँसू भरते, पैर विवाई है यारों।
क्या अंजाम वतन का होगा, वीर सपूतों बतलावो। ―2
फुटपातों में देख कला को, भर आई आँखें यारों।
आज देश में ............
गुलशन में अब आज देश के
ढूँढ निगलते हैं खुशबू, ऐसा कत्ल हुआ जालियाँ ना ―2
देख के लगता है यारों।
आज देश में ............
देखो वीर जवाहर गाँधी, भगतसिंह मिल जायेंगे।
जाने कितनी रुह से अपनी तकदीरें महकाई यारों।
आज देश में ............
लेकिन देशद्रोहियों से, कब होगा खुशहाल वतन।
आज गली चौराहों में, गद्दार ही दिखते हैं यारों।
आज देश में ............
हम वतन हुए बदहाल, जमाना रहा देखते।
सो गये जमीं पे लाल, जमाना रहा देखते।
व्यर्थ जवानी ढल गई यारों,
आंखें रो-रो कह गई यारों।
अब फसलें ना घर पर आयें,
हम रोटी ना जीभर खायें।
धनवानों के टुकड़ों में पल,
गुजरी सारी रातें।
हम वतन हुए ..................
कौन रहेगा इस बस्ती में,
अब अन्धे रहते बस्ती में। ―2
नहीं है कुछ गांवों बस्ती में,
गुलशन वीरां है बस्ती में।
हम वतन हुए ......................
अब जहाँ हुआ रसखान,
जमाना रच देखते।
अब चमन हुआ वीरान,
जमाना रहा देखते।
हम वतन हुए ......................
कश्मीर है वतन का कश्मीर बचाना है,
ये स्वर्ग है वतन का तुम्हें इसको सजाना है।
आतंक देखो वीरों अब हद से बढ़ रहा है,
दुश्मन की छाती दाग तो ही तेरा निशाना है।
हर हाल में चमन का तुम्हें अमन बचाना है,
हद पार खड़ा दुश्मन क्या इसका ठिकाना है।
ये पाक जान जाये भारत की भी हस्ती को,
हर बस्ती देश प्रेम का चिराग जलाना है।
कोई आँख भी उठाये तो ढेर लगा देना,
कौम के लिए तुम्हें खुद को मिटाना है।
चलो-चलो अब वीर जवानों,
हमको देश बचाना है।
आये देश में गद्दारों को,
हमको मार भगाना है।
सरहद पार न कर आय वो,
ये हमको समझाना है।
चलो-चलो ......................
माँ के वीर सिपाही जानो,
हमको पाक बतलाना है।
चलो-चलो ......................
मानेंगे यदि नहीं वो कहना,
हमको ढेर लगाना है।
चलो-चलो ......................
वीर शहीदों के पथ पर अब,
हमको चलते जाना है।
चलो-चलो ......................
करगिल के हर घुसपैठी को,
सरहद पे दफनाना है।
चलो-चलो ......................
वतन के वीर सिपाही मेरे,
सोते से जग जाइये।
तुम्हें कसम है भारत माँ की,
आकर लाज बचाओ।
सरहद पार ना आये दुश्मन,
आकर मार भगावो।
मातृभूमि के खातिर वीरों,
सरहद पर मिट जाओ।
वतन के वीर सिपाही ..................
लहू के हर कतरे से अपने,
माँ का कर्ज चुकाओ।
वतन के वीर सिपाही ..................
पाक ना जाने तेरी हस्ती,
आकर सबक सिखाओ।
वतन के वीर सिपाही ..................
उजड़े चाहे माँग किसी की,
सोच न तुम घबराओ
वतन के वीर सिपाही ..................
आज परीक्षा वीर तुम्हारी,
अपना खून बहायें।
वतन के वीर सिपाही ..................
वतन की सरहद में तुम वीरों,
इंकलाब लिख जाओ।
वतन के वीर सिपाही ..................
पाक इरादे पाक ना रखना,
ये ना पाकिस्तान है।
यहाँ तुम्हारे जैसे जानों,
ये तो हिन्दुस्तान है।
आना लौट ना फिर सरहद पे,
जानो कब्रिस्तान है।
यहाँ तुम्हारे .....................
नहीं शिवाजी नेहरू तो क्या,
हम उनकी संतान हैं।
यहाँ तुम्हारे जैसे
क्या देंगे कश्मीर तुम्हें हम,
ये भारत की शान है।
यहाँ तुम्हारे .....................
तीन रंग से एक तिरंगा,
वीरों की पहचान है।
यहाँ तुम्हारे .....................
होगा ना सरहद समझौता,
चाहे जाये जान है।
यहाँ तुम्हारे .....................
आज वतन में कैसा संकट,
देखो आन पड़ा।
चोरी चुपके छिपके दुश्मन,
सीमा पार खड़ा।
उसकी झूठी बातों में तुम,
वीरों कभी ना आना।
देशद्रोहियों की साजिश में,
वीरों ना फँस जाना।
आज वतन में ...............................
आज तुम्हें कुछ कर दिखलाना,
तुमने जो है ठाना।
मौत के मुँह में जाकर के भी,
अपना वतन बचाना।
आज वतन में ...............................
मरते दम तक वीरों तुमको,
फर्ज निभाते जाना।
हर गोली उपहार समझ तू,
पथ पर आगे बढ़ते जाना।
आज वतन में ...............................
भूल नहीं जाना तुम वीरों,
माटी हिन्दुस्तान की।
हर शहीद रूह इसी में,
खुशबू भरी जहाने की।
भूल नहीं ..................
दुश्मन तुमको दे दे झांसा,
रोज तुम्हें बहकायेगा।
तुम हिन्दू हो तुम मुस्लिम हो,
रोज तुम्हें बतलायेगा।
भूल नहीं ..................
माँ की लाज बचाना तुमको,
तुम्हीं तो माँ के लाल हो।
वीर शहीदों के जीवन की,
तुम्हीं तो एक मिसाल हो।
भूल नहीं ..................
सरहद पार जो आये दुश्मन,
उनको नहीं छोड़ना तुम।
हर पथ जा तुम तूफानों से,
नाते नहीं तोड़ना तुम।
भूल नहीं ..................
कश्मीर है भारत का, भारत का रहेगा। ― 2
सरहद पे खड़ा आज, हर जवान कहेगा। ―2
वो आयें इस तरफ ना, सरहद से हटा दो।
घुसपैठियों को, मिट्टी में मिला दो।
सरहद पे खड़ा ..................
है पाक की क्या हस्ती, जो आँख दिखाये।
क्या हिन्दू मुसलमान में, जो भेद बताये।
सरहद पे खड़ा ..................
हम एक हैं वतन है एक जान वो भी ले।
हम जां भी लूटा सकते हैं मान वो भी ले।
सरहद पे खड़ा ..................
कितनी भी आये मुश्किलें, हम रुक नहीं सकते।
दुश्मन के आगे कभी हम झुक नहीं सकते।
सरहद पे खड़ा ..................
भारत माता तुम्हें बुलाये, वीर सिपाही आवो। ―2
माँ की आन पड़ी खतरे में, सरहद पे डट जावो। ―2
भारत माता ...............
दुश्मन देखो बोल के हमला, फिर से कदम बढ़ाया। ―2
माँ के वीर सपूतों को है, इसने बली चढ़ाया। ―2
भारत माता ...............
गद्दारों की गोली से तुम, कभी नहीं घबराना। ―2
तान के सीना खा के गोली, हरदम बढ़ते जाना। ―2
भारत माता ...............
गर कट जाये तो कट जाये, सर माँ कभी झुकाना। ―2
भारत माता ...............
मातृभूमि के चरणों में तुम, अपनी जान लुटाना। ―2
भारत माता ...............
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I hope the above information will be useful and
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(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण
होगी।)
Thank you.
R F Temre
edudurga.com
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