(65) 264111
वृद्धि केवल परिपक्व अवस्था तक ही सीमित होती है जबकि विकास जीवन पर्यंत चलने वाली प्रक्रिया है।
(58) 7754
वर्तमान समय में व्यक्तित्व का मूल्यांकन व्यक्ति के समस्त आंतरिक एवं बाह्य गुणों के आधार पर किया जाने लगा है।
(57) 1401
वर्तमान में प्रत्येक अभिभावक चाहता है कि उनके बच्चे खूब पढ़ाई करें और आगे बढ़े। किन्तु अक्सर देखा जाता है कि बच्चे पढ़ाई को छोड़ अन्य कार्यों में ज्यादा लग जाते हैं।
(52) 10854
स्वयं को व्यक्त करने हेतु मनुष्य ध्वनि संकेतों तथा अंग-प्रत्यंगों के संचालन का आश्रय लेता है,यही भाषा के अंतर्गत आता है।
(48) 2565
संज्ञान वह मानसिक क्रिया है,जिसके माध्यम से ज्ञानार्जन संभव होता है,जिसमें ज्ञान या जानकारी प्रत्यक्षीकरण,अंतः प्रज्ञा (intution)और तर्क सम्मिलित होते हैं।
(44) 3417
शिक्षा का शाब्दिक अर्थ है- ज्ञान,विद्या व जानकारी प्राप्त करने से है।
(27) 3205
अतःअध्ययनों ने सिद्ध कर दिया है कि इस तरह के बदलाव निश्चित सिद्धांतों के अनुसार ही होते हैं।इन्ही परिवर्तनों को ही विकास के सिद्धांत कहा जाता है।
(25) 11676
योजना के माध्यम से कार्य की अनुमानित रूपरेखा के बारे में सही मार्गदर्शन मिलता है।
(20) 6429
बालक के मानसिक स्वास्थ्य को एवं व्यवहार को बनाए रखने हेतु हमें मानसिक स्वास्थ्य विज्ञान की संपूर्ण जानकारी होनी चाहिए।
(12) 3712
इस अवधारणा के अनुसार शिक्षा का एकमात्र उद्देश्य बालक की शक्तियों एवं योग्यताओं का उचित विकास करना है।
(3) 5692
व्यक्ति क्षेत्र विशेष में ज्यादा से ज्यादा सफलता प्राप्त करता है। ऐसी जन्मजात एवं भविष्य की ओर उन्मुख योग्यताओं क्षमताओं कोअभिक्षमता कहते हैं।
Recent Posts
रामनवमी विशेष - राम रक्षा स्तोत्र (हिन्दी अनुवाद सहित)- श्री राम पूजन विधान, राम रक्षा कवच, राम स्तुति, राम चालीसा एवं आरती
अगले 4 दिन तक होली चलेगी। संत प्रेमानंद महाराज जी के संदेश की तीन बातें | होलिका दहन का मुहूर्त
वार्षिक परीक्षा 2025 अभ्यास प्रश्न पत्र विषय संस्कृत कक्षा 8वीं | Sanskrit Solved Practice Paper
Categories