योजना का अर्थ- किसी भी कार्य की सफलता उसके नियोजन पर ही आधारित होती है।अर्थात् किसी कार्य को सफलतापूर्वक करते हुए निश्चित लक्ष्य प्राप्त करने का साधन 'योजना' कहलाता है। योजना के माध्यम से कार्य की अनुमानित रूपरेखा के बारे में सही मार्गदर्शन मिलता है।योजना से किसी कार्य को कार्य करने से क्रमबद्धता एवं नियमितता आ जाती है,इसलिए शिक्षण एवं परीक्षण को उद्देश्यनिष्ठ बनाने हेतु प्रत्येक कार्य का योजनाबद्ध होना अति आवश्यक होता है।
Meaning of planning- The success of any work is based on its planning. That is, the means to achieve a certain goal by doing a task successfully 'Scheme'.Through planning, the right guidance is given about the approximate outline of the work. Planning brings about orderliness and regularity from doing a task, so each task is planned to make learning and testing objective.It is very important to have.
योजना से यह ज्ञात होता है कि कब,क्या कार्य करना है तथा कौन-कौन से कार्य कब तक संपन्न करने हैं।योजना अध्यापक को निर्देशन देती है तथा अध्यापक का पथ-प्रदर्शन भी करती है।उद्देश्यपूर्ण शिक्षण अध्यापक की सफल योजना पर ही निर्भर है।योजना जितनी अच्छी होती है,अध्यापक उतनी ही सफलता के साथ शिक्षण कार्यों को अंजाम देता है।
Planning tells when, what work is to be done and which work is to be completed for how long.Planning gives guidance to the teacher and also provides guidance to the teacher. Purposeful teaching depends on the successful planning of the teacher. The better the plan, the more successful the teacher can accomplish the teaching tasks. returns.
अ.अनुदेशन योजना- अनुदेशन की योजना बनाना एवं इसे आयोजित करना यह एक ऐसा ढांँचा है जिस पर प्रभावशाली अध्यापन ही आधारित होता है।ध्यान से और विवेकपूर्ण ढंग से बनाई गई योजना से शैक्षणिक समय का अधिकतम उपयोग होता है, मानकों की स्थापना होती है,पूर्व से अर्जित ज्ञान सक्रिय हो जाता है,आप भ्रांतिपूर्व धारणाओं का सामना कर सकते हैं और विद्यार्थी की अलग-अलग आवश्यकताओं पर ध्यान दिया जाता है। इसके अलावा निर्देशन का अधिक प्रभावी रूप से संचालन हो सकता है।तथा मूल्यांकन,अधिगम लक्ष्यों व विषयवस्तु सुयोजन हो सकता है।इस अवस्था में पाठ्य पुस्तकों का चयन,उनका आबंटन,परीक्षाओं का प्रबंधन,समय सारणी बनाना, विभिन्न कक्षाओं हेतु प्रत्येक विषय के लिए शिक्षकों का नियतन इत्यादि बातें अति महत्वपूर्ण हैं।
a.Instruction planning- Planning and organizing instruction It is the framework upon which effective teaching is based.Careful and judicious manner A well-designed plan makes optimum use of academic time, sets standards, activates pre-acquired knowledge, allows you to counter misconceptions and the individual needs of the student. attention is paid to. Apart from this, guidance can be conducted more effectively. And there can be assessment, learning goals and content alignment.At this stage there can be selection of textbooks, their allocation, management of examinations, preparation of time table, each subject for different classes. Assignment of teachers etc.things are very important for this.
ब.वार्षिक योजना- इस योजना को तैयार करने से पहले विद्यालय की स्थिति,कार्यक्षमता विद्यार्थियों का मानसिक स्तर,शैक्षिक सहायक उपकरण,पाठ्यक्रम एवं समय सीमा आदि सभी पक्षों का ध्यान रखा जाना जरूरी होता है।वार्षिक योजना से स्वयं शिक्षक को अपने अध्यापन कार्य की प्रगति व कमी का पता चल जाता है।शैक्षणिक कार्यों में जो भी अभाव रहता है उनमें सुधार हेतु आने वाले सत्र की वार्षिक योजना के निर्माण में ध्यान रखा जाता है।
B.Annual Plan- Before preparing this plan the status of the school, ability, mental level of the students, educational aids, syllabus and time limit etc. It is necessary to take care of the aspects. From the annual plan, the teacher himself comes to know about the progress and shortfall of his teaching work.Whatever is lacking in the academic work, the coming session is to be improved.Care is taken in the formulation of the annual plan.
वार्षिक योजना में संपूर्ण सत्र की कार्य प्रणाली से संबंधित ब्यौरा रहता है।इसमें पाठ्यक्रम को कितनी इकाइयों में तथा इकाइयों को कितने भागों में विभक्त किया,कितने भागों की आवश्यकता पाठ्यक्रम को पूरा करने में पड़ेगी,विद्यालय के पास कुल कितने कार्य दिवस होंगे व किन कार्यों को कब संपन्न करना है आदि बातों का विवरण इस योजना के तहत दिये जाते हैं।कार्य दिवसों की गणना,छुट्टी, परीक्षा अथवा अवकाश आदि बातों का विवरण इसके अंतर्गत दिये जाते हैं।विभिन्न कक्षाओं के पाठ्यक्रम एवं शिक्षार्थियों की व्यक्तिगत विभिन्नता को ध्यान में रखकर भिन्न-भिन्न वार्षिक योजनाएँ तैयार की जाती हैं।
Annual plan contains details related to the methodology of the whole session. In this, in how many units and units divided into how many parts, how many parts the requirement will be required to complete the course, how many working days the school will have and when to complete the tasks etc. Details of things are given under this scheme.Calculation of working days, holidays, examination Or the details of holidays etc. are given under this.Different annual plans are prepared keeping in mind the curriculum of different classes and the individual variation of the learners.
1.विषय-वस्तु का उचित विश्लेषण (इकाई,प्रकरण व शिक्षण बिंदुओं में )।
2.विद्यालय में कार्य दिवसों की गणना।( किस इकाई को कितने कालांशों सहित)
3.इकाईवार परीक्षण व उपचारात्मक शिक्षण की पूरी व्यवस्था।
4.अपने उद्देश्यों की प्राप्ति का आभास एवं इकाईवार निर्धारण।
5.सामयिक तथा अर्धवार्षिक परीक्षा तक पाठ्यक्रम का कितना हिस्सा अध्ययन किया जाना है?
6.शिक्षण सहायक सामग्री का निर्धारण इकाई वार प्रस्तुत करना।
1.Proper analysis of content (in units, topics and learning points).
2.Calculation of working days in school.(with how many periods to which unit)
3.Unit wise complete system of testing and remedial teaching.
4.Realization and unit wise determination of achieving your objectives.
5.What is the part of the syllabus to be studied till the periodical and half yearly examination?
6.Determination of teaching aids unit wise submission.
1.शिक्षक को बनाए गए कालांशों का पूर्णतया अभ्यास हो जाता है।
2.शिक्षक को इकाईवार उद्देश्यों का भी ठीक से अभ्यास हो जाता है।
3.सभी इकाईयों के पश्चात निष्पत्ति का पता आसानी से पता चल जाता है क्योंकि इसमें इकाई मूल्यांकन की व्यवस्था होती है।
4.सत्रीय व सामयिक परीक्षाओं से संबंधित पाठ्यक्रम के किस भाग को पूर्ण करना है इसकी भी जानकारी हो जाती है।
5.अध्यापकों को इकाईवार की तैयारी में सहायक सिद्ध होता है।
1.The teacher gets to practice the created periods thoroughly.
2.The teacher also gets to practice the unit wise objectives properly.
3.After all the units, the performance is easily known as there is a system of unit evaluation.
4.It also becomes aware of which part of the syllabus is to be completed related to the 4th semester and current examinations.
5.Helps teachers in unit wise preparation.
स.इकाई योजना- छात्र के व्यवहार में अपेक्षित बदलाव लाने के लिए शैक्षिक सिद्धांतों के आधार पर पहले से ही चिंतन आधारित शिक्षण अधिगम योजना को 2-7 कालांश तक प्रयोग में लाया जा सके,यही प्रक्रिया इकाई योजना कहलाती है।इकाई योजना एक प्रसंग आधारित होती है एवं यह परस्पर संबंधित पाठों की एक विस्तृत रूपरेखा है।यह न तो विषयवस्तु का एक खंड है और न ही एक स्वतंत्र पाठ है।यह एक प्रसंग पर आधारित 2-7 पाठों की योजना है।इकाई योजना अपेक्षित उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए शिक्षकों द्वारा किसी एक प्रसंग पर उपलब्ध संसाधनों पर आधारित शिक्षण अधिगम की रूपरेखा है।
S.Unit Plan-To bring about the desired change in the behavior of the student, the teaching-learning plan based on pedagogical principles is already planned for 2-7 periods This process is called unit planning. Unit planning is a context-based and is a detailed of interrelated lessons. It is neither a section of content nor a section. This is an independent lesson. It is a plan of 2-7 lessons based on a single theme. The unit plan is a teaching-learning outline based on the resources available to the teachers in a given context to achieve the desired objectives.
1.छोटे-छोटे खंड का ज्ञान प्राप्त करना विद्यार्थियों के लिए सरल होता है व उनमें रुचि उत्पन्न करता है।
2.किसी एक पाठ योजना में सफलता प्राप्त करने के पश्चात अन्य इकाइयों का निर्माण सरल होता है तथा छात्रों में अभिप्रेरणा व रुचि विकसित होती है।
3.इकाई के द्वारा शिक्षण के उद्देश्यों व शिक्षण की रूपरेखा का ज्ञान हो जाता है।
4.विषय-वस्तु हेतु कौन-कौन सी विधि सहायक सामग्री की आवश्यकता पड़ेगी इसका पता चल जाता है।
5.इकाई की रोचक प्रस्तावना का निर्माण ऐसे किया जाता है कि छात्र उसके बारे में और अधिक जानने के लिए उत्सुक हो जाता है।
6.इकाई में पूर्व नियोजित अनुभव व क्रियाएंँ निहित हैं।वह किसी समस्या,परिस्थिति,रुचि या वांछित परिणाम पर आधारित होती है।
1.It is easy for the students to acquire knowledge of small sections and generates interest in them.
2.After achieving success in one lesson plan, the construction of other units becomes easier and the students develop motivation and interest.
3.Through the unit, knowledge of the objectives of teaching and the design of teaching is achieved.
4.Which method will be needed for the subject-matter, it gets to know about it.
5.The interesting introduction to the unit is designed to make the student curious to know more about it.
6.The unit consists of pre-planned experiences and actions.It is based on a problem, situation, interest or desired outcome.
1.पाठ्य-सामग्री को विद्यार्थियों की जरूरत एवं रूचि के अनुसार संगठित करना।
2.पाठ्य सामग्री को सरल रूप में प्रस्तुत करना।
3.किसी एक समस्या या विचार पर आधारित विषय-वस्तु को विभिन्न घटकों में विभाजित करना।
4.छात्रों को ज्ञान अर्जन हेतु अभिप्रेरित करना।
5.दैनिक पाठ-योजनाओं के लिए सुनियोजित आधार प्रस्तुत करना।
1.To organize the course material according to the needs and interests of the students.
2.Presenting the text material in a simple form.
3.Divide the content into different components based on a single problem or idea.
4.To motivate the students to acquire knowledge.
5.Presenting a systematic basis for daily lesson plans.
1.प्रस्तावना तैयार करना।
2.नियोजन बनाना।
3.अनुसंधान कार्य करना।
4.अवबोध।
5.उद्देश्यों का चयन करना।
6.इकाई-खंडों का विभाजन,विकास।
7.व्यक्तिगत आवश्यकताओं की व्यवस्था।
8.संबंधित पुस्तकों की सूची एवं मूल्यांकन।
1.Preparing a Preface.
2.Planning.
3.Carry out research work.
4.understanding.
5. Selecting Objectives.
6.Division of unit-blocks, development.
7.Arrangement of individual needs.
8.List and evaluation of related books.
1.यह संपूर्ण विषय-वस्तु (पाठ्यक्रम) एवं दैनिक पाठ को जोड़ने वाली अति महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में अत्यंत उपयोगी है।
2.शिक्षण उद्देश्य,विषय-वस्तु,अध्ययन-अध्यापन क्रियाओं, दैनिक पाठ योजना हेतु यह सहायक सामग्री,विधि,नियत कार्य एवं मूल्यांकन आदि का आधार पत्र है।
3.समन्वय में सहायक अर्थात अन्य इकाइयों से यह योजना संबंध जोड़ती है।
4.इसमें विषय-वस्तु की दृष्टि से समग्रता होती है जो अपने आप में एक संपूर्ण अनुभव पर आधारित होती है।
5.यह शिक्षण प्रक्रिया में विषय-वस्तु को क्रमबद्ध तथा सुव्यवस्थित रूप में प्रस्तुत करती है।
1.It is very useful as a very important link connecting the entire syllabus and daily lesson.
2.It is the basis for teaching purpose, subject-matter, study-teaching activities, daily lesson plan, supporting material, method, assignment and evaluation etc.
3.Auxiliary in co-ordination i.e. this plan links relationship with other units.
4.It has totality in terms of content which is based on a complete experience in itself.
5.It presents the content in an orderly and systematic manner in the teaching process.
द.पाठ योजना- पाठ योजना से तात्पर्य किसी पाठ को या अध्याय को विशेष उद्देश्य एवं अपेक्षित व्यवहारीय बदलावों की प्राप्ति के संदर्भ में आकर्षक ढंग से नियोजित करने से है।यह कक्षा शिक्षण की पूर्व-क्रियात्मक अवस्था कहलाती है।दैनिक पाठ-योजना प्रभावी शिक्षण उपकरण के रूप में प्रयोग की जाती है।शिक्षण प्रक्रिया के दौरान छात्रों की अपेक्षा अध्यापक के कार्यों पर अधिक बल देती है।संपूर्ण पाठ-योजना में अध्यापक ही केंद्र बिंदु के रूप में कार्य करता है।पाठ योजना एक ब्लू प्रिंट नहीं है।यह मात्र अध्यापक को निर्देश देने,शिक्षण संबंधी विभिन्न क्रियाओं में सरलता,तारगम्यता स्थापित कराने,महत्वपूर्ण शिक्षण बिंदु का ज्ञान कराने आदि के सहायक साधन मात्र है।
d.lesson plan- Lesson plan refers to planning a lesson or lesson in an attractive manner with a view to achieving a specific objective and the desired behavioral changes.This is called the pre-active stage of classroom teaching. Daily lesson planning is used as an effective teaching tool. During the learning process, more emphasis is placed on the teacher's actions than on the students' The teacher acts as the focal point in the entire lesson plan.Lesson plan is not a blue print.It is only a helpful means of making knowledge of important learning point etc.
वस्तुतःपाठ योजना अध्यापक के उन समस्त कार्यों का समूह है जिसे उसे कक्षा में क्रियान्वित करना पड़ता है।एक आकर्षक सफल एवं प्रभावी शिक्षण हेतु पाठ योजना का निर्माण बेहद जरूरी होता है।एक कुशल कारीगर की तरह अध्यापक को भी अपने छात्रों में वांछित सुधार लाने हेतु अपने उपकरणों अर्थात शिक्षण विधियों का चयन बड़ी सावधानी पूर्वक करना चाहिए।अन्य शब्दों में,पाठ-योजना शिक्षक के लिए एक खिड़की का काम करती है जिसमें से झांँककर वह अपने विद्यार्थियों की आंतरिक विशेषताओं एवं क्षमताओं को पहचानने का प्रयास करता है।
In fact a lesson plan is the set of all the tasks a teacher has to implement in the classroom.Creating an engaging, successful and effective lesson plan is very important.A Like the skilled craftsman, the teacher should also choose his tools ie teaching methods very carefully to bring about the desired improvement in his students.In other words, the lesson plan acts as a window for the teacher to peek through.He tries to identify the internal characteristics and abilities of his students.
1.नवीन शिक्षण कार्य संभालते समय अध्यापक का आत्मविश्वास अर्जित करना।
2.निर्धारित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक सामग्री तथा साधन एकत्रित करने में मददगार साबित होता है।
3.उद्देश्यों को परिभाषित करना।
4.शिक्षण क्रियाओं के ज्ञान में वृद्धि भी हो जाती है कि कौन-कौन सी शिक्षण क्रियाएँ किस तरह करनी है।
5.पाठ्य सामग्री संगठित कर इकाइयों में विभाजित एक निश्चित समय में पूरा करने हेतु पाठ-योजना की आवश्यकता होती है।
6.सुसंगठित ज्ञान की प्राप्ति हो जाती है।
7.विषय-सामग्री का संगठन छात्रों के समक्ष प्रस्तुत करना पड़ता है।इससे पाठ-योजना को एक दिशा निर्देशक का कार्य करती है।
8.शिक्षकों को शिक्षण के लिए रूपरेखा प्रदान करती है।
9.शिक्षण प्रक्रियाएँ रूचिकर बनाने हेतू।
10.क्रमबद्ध कार्य करने की आदत का विकास हो जाता है।
11.शिक्षण-अधिगम में संबंध स्थापित करना जिससे शिक्षण और अधिगम में मदद मिलती है।
12.मानसिक शक्तियों व योग्यताओं का विकास एक निश्चित दिशा में हो जाता है।
1.To acquire teacher's confidence while handling new teaching jobs.
2.It proves helpful in gathering the necessary materials and resources to achieve the set objectives.
3.Defining Objectives.
4.There is also an increase in the knowledge of teaching activities, how to do which teaching activities.
5.Lesson plan is needed to organize the course material and divide it into units to be completed in a given time.
6.Well organized knowledge is attained.
7.The organization of the content material has to be presented to the students.This serves as a guide to the lesson plan.
8.Provides a framework for teaching to teachers.
9.To make learning process interesting.
10.The habit of doing systematic work is developed.
11.Establishing teaching-learning relationship which helps in teaching and learning.
12.The development of mental powers and abilities takes place in a certain direction.
1.सामान्य सूचना।
2.विशिष्ट उद्देश्य लेखन/अनुदेशात्मक उद्देश्य लेखन।
3.सहायक शिक्षण सामग्री का पूर्ण उपयोग।
4.प्रकरण से संबंधित अनुमानित पूर्व ज्ञान।
5.शिक्षण विधियों का संपूर्ण विवरण।
6.प्रस्तावना अथवा अध्याय का संपूर्ण परिचय।
7.पाठ विकास,पाठ का मूल भाग है।
8.पुनरावृत्ति/ मूल्यांकन कार्य।
9.श्यामपट्ट पर मूल बिंदुओं पर विशेष बल।
10.गृह कार्य।
11.संदर्भ पुस्तकें।
12.स्वमूल्यांकन की अनिवार्यता।
1.General Information.
2.Specific Purpose Writing / Instructional Objective Writing.
3.Full Utilization of Supporting Learning Materials.
4.Estimated prior knowledge related to the topic.
5.Complete description of teaching methods.
6.Preface or a complete introduction to the chapter.
7.Lesson development is the core of the lesson.
8.Repetition/evaluation task.
9.Special force on the origin points on the blackboard.
10.Home work.
11. Reference Books.
12. Mandatory of Self-Assessment.
एक अच्छी योजना की निम्न विशेषताएं हैं-
1.अच्छी योजना पूर्ण तरह से लचीली होती है।
2.अच्छी योजना व्यापक तथा विस्तृत होती है।
3.अच्छी योजना समस्त कक्षाओं से संबंधित सभी क्रियाओं को शामिल करती है।
4.अच्छी योजनाएंँ कक्षा तथा विद्यालय के किनारे उपलब्ध साधनों को ध्यान में रखकर बनाई जाती हैं।
5.अच्छी वार्षिक कार्य-योजना शिक्षक की योग्यता व क्षमता के अनुसार होती है।
6.अच्छी योजना छात्रों के मानसिक व शारीरिक स्तर के अनुकूल होती है।
7.इसमें व्यक्तिगत विभिन्नताओं को पूर्णतया ध्यान में रखा जाता है।
8.ये योजनाएँ अन्य शिक्षकों की योजनाओं के साथ अपना समन्वय भी रखती हैं।
The characteristics of a good plan are-
1.A good plan is completely flexible.
2.A good plan is comprehensive and comprehensive.
3.Good planning covers all activities related to all classes.
4.Good plans are made keeping in mind the resources available at the edge of the classroom and school.
5.A good annual action plan is according to the ability and ability of the teacher.
6.Good planning is suited to the mental and physical level of the students.
7.In this, individual differences are fully taken into account.
8.These schemes also coordinate with the plans of other teachers.
I hope the above information will be useful and
important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण
होगी।)
Thank you.
R F Temre
edudurga.com
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