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मानसून का 'जुआ' || Monsoon Gamble

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भारत को कृषि प्रधान देश ही नहीं माना जाता है,बल्कि मौसम की अनेक बैठकों पर उठने वाला देश भी कहा गया है।भारत की जलवायु का मानसून यहांँ की संपूर्ण अर्थव्यवस्था को कई तरह से प्रभावित करती है।भारत की लगभग 78% जनसंख्या प्रत्यक्ष रूप से अभी भी अपना जीवन निर्वाह कृषि के माध्यम से ही करती है।जलवायु से कृषि को बहुत प्रभाव पड़ता है।जलवायु का कृषि के अलावा अर्थव्यवस्था के कई पहलुओं पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है।इसलिए प्रायःयह कहा जाता है कि 'भारतीय कृषि मानसूनों का जुआ है।'

India is not only considered to be an agricultural country, but it has also been said to be a country that rises on many meetings of the weather. The monsoon of India's climate affects the entire economy here in many ways.About 78% of India's population is still directly involved in subsistence agriculture.Agriculture has a great impact on climate.That's why it is often said that 'Indian agriculture is a gamble of monsoons.

मानसून का विभिन्न क्षेत्रों में प्रभाव (Effect of Monsoon in different regions)-

1.रोजगार पर प्रभाव- भारत में बेकारी एवं अर्ध-बेरोजगारी की समस्या बहुत गंभीर समस्या है।जब देश में मानसून उचित समय पर दस्तक नहीं देता है अथवा उचित मात्रा में नहीं आता है,तब तो यह समस्या पूरी तरह से गंभीर बन जाती है,क्योंकि ऐसी स्थिति में उद्योग में रोजगार का अत्यंत अभाव हो जाता है।

1.Impact on Employment- The problem of unemployment and under-employment is a very serious problem in India.If it does not come in proper quantity, then this problem becomes completely serious, because in such a situation there is a severe lack of employment in the industry.
2.परिवहन पर प्रभाव- देश की परिवहन व्यवस्था भी मानसून से प्रभावित हो जाती है,जब मानसून आवश्यकता से ज्यादा मात्रा में आती है,तो सड़क परिवहन,रेल परिवहन तथा वायु परिवहन पूरी तरह से रद्द हो जाता है।जब पर्याप्त मात्रा में बारिश नहीं होती है,तब उस वक्त देश में कृषि पदार्थों एवं औद्योगिक उत्पादन कम हो जाता है,जिससे विनिमय एवं व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगता है। परिणामस्वरूप यातायात क्षेत्र की आय में कमी होने लगती है।अर्थात यातायात क्षेत्र की आय कम हो जाती है।
2. Impact on Transport- The country's transport system is also affected by the monsoon, when the monsoon arrives in excess quantity, road transport, rail transport and air transport get completely canceled When there is not enough rain, then agricultural production and industrial production in the country decreases, which adversely affects exchange and trade.As a result, the income of the traffic sector starts decreasing.That is, the income of the traffic sector decreases.
3.कृषि पर प्रभाव- भारत की तीन चौथाई से भी ज्यादा आबादी कृषि पर ही निर्भर रहती है।भारत में कुल कृषि योग्य भूमि के एक चौथाई भाग को ही सिंचाई सुविधाएंँ उपलब्ध हैं।अतः ज्यादातर हिस्सों में कृषि फसलें वर्षा पर ही निर्भर करती हैं।यदि मानसून समय पर तथा पर्याप्त मात्रा में आ जाते हैं,तो देश में फसलें बहुत अच्छी मात्रा में पैदा होती हैं,जिससे किसानों की आय में वृद्धि होती है, अन्यथा नहीं होती है।
3.Impact on Agriculture- More than three-fourth of India's population is dependent on agriculture.Irrigation facilities are available to only one-fourth of the total arable land in India.Therefore,agriculture in most parts crops depend on rainfall.
4.राष्ट्रीय आय पर प्रभाव- राष्ट्रीय आय किसी भी देश में एक वर्ष की अवधि में होने वाले उत्पादन एवं सेवाओं के मौद्रिक मूल्य का योग है,भारत की राष्ट्रीय आय का लगभग 44 प्रतिशत हिस्सा कृषि पदार्थों से ही मिलता है।अनुकूल मानसून होने पर राष्ट्रीय आय में पर्याप्त वृद्धि होती है,जबकि मानसून के प्रतिकूल होने पर हमारी राष्ट्रीय आय भी बहुत कम हो जाती है।
4.Impact on National IncomeNational Income is the sum of the monetary value of production and services in any country over a period of one year, approximately 44 percent of the national income of India.The share comes from agricultural products only.When there is a favorable monsoon, there is a substantial increase in the national income, while when the monsoon is unfavourable, our national income also decreases very little.
5.सरकारी बजट पर प्रभाव- भारत सरकार एवं राज्य सरकारों का बजट मानसून पर निर्भर होता है।मानसून सफल न होने पर कृषि,उद्योग,यातायात आदि भी सफल नहीं हो पाते हैं।इससे सरकार की आय कम होने लगती है। दूसरी ओर राहत कार्यों पर व्यय बढ़ने लगती है,इससे बजट पूरी तरह से असंतुलित हो जाता है।
5.Impact on Government Budget- The budget of the Government of India and the State Governments is dependent on the monsoon.If the monsoon is not successful, agriculture, industry, traffic etc. are also not successful.Due to this Government Income of starts decreasing.On the other hand, the expenditure on relief works starts increasing, due to which the budget becomes completely unbalanced.
6.योजना पर प्रभाव- यदि मानसून सामान्य नहीं होता है तो बजट असंतुलित हो जाता है।असंतुलित हो जाने के कारण योजना के विभिन्न विकास कार्यों मे रुकावटें आ जातीं हैं।जिससे व्यक्तियों को योजना का लाभ नहीं मिल पाता है।
6.Impact on the Plan- If the monsoon is not normal then the budget becomes unbalanced.Due to the imbalance, there are obstacles in various development works of the scheme.Due to which individuals do not get the benefit of the scheme.
7.उपभोक्ता उद्योगों पर प्रभाव- मानसून का प्रभाव समस्त उद्योगों पर भी पड़ता है।अच्छी वर्षा होने पर देश में कच्चे माल,जैसे-गन्ना,कपास,तिलहन,जूट आदि पर्याप्त मात्रा में होते हैं,जिससे देश की चीनी उद्योग,सूती वस्त्र उद्योग,तेल एवं वनस्पति उद्योग जूट आदि उद्योग तेजी से उत्पादन कार्य में निरंतर लगे रहते हैं।जब बारिश समय पर नहीं होती है,तब देश के अनेक बड़े-बड़े उद्योग संकट में आ जाते हैं व उपलब्ध वस्तुओं के मूल्य भी आसमान छूने लगते हैं।अर्थात महंगाई बहुत अधिक बढ़ जाती है।
7.Impact on the Consumer-The effect of monsoon is also on all industries.On good rainfall, raw materials like sugarcane, cotton, oilseeds, jute etc. are in sufficient quantity in the country, due to which the country's sugar industry, cotton textile industry, oil and vegetable industry, jute, etc., are continuously engaged in production work. When the rains do not happen on time, then many big industries of the country are in crisis.And the prices of the available goods also start touching the sky.That is, the inflation increases very much.
8.सामान्य मूल्य स्तर पर प्रभाव- देश के मूल स्तर खाद्यान्नों के मूल्यों पर निर्भर होता है।खाद्यान्नों का उत्पादन भी मानसूनों पर ही निर्भर है।मानसूनों के असफल होने पर खाद्यान्नों का उत्पादन एकाएक गिर जाता है।परिणामस्वरूप मूल्यों में वृद्धि होने लगती है।अतःइस प्रकार खाद्यान्नों के मूल्यों के साथ-साथ अन्य सभी वस्तुओं के मूल्य पर भी वृद्धि होने लगती है।

8.Impact on the General Price Level- The basic level of the country depends on the prices of food grains.The production of food grains is also dependent on the monsoons.Due to faild monsoon falls as a result the prices start rising.Thus, along with the prices of food grains, the prices of all other commodities also increase.

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
edudurga.com

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