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पर्यावरण में मरुस्थलीकरण || Desertification in the Environment

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मरुस्थलीकरण से अभिप्राय साधारणतया उन प्राकृतिक स्थितियों के विस्तृत क्षेत्रों से है जो कि कम वर्षा और अधिक तापमान के द्वारा वनस्पति के अभाव में उदभूत होती है,जहाँ विशाल क्षेत्रों में बालूका-स्तूपों का विस्तार होता है तथा जल के अभाव में कृषि करना संभव नहीं होता है।मरुस्थलीकरण को पर्यावरण के प्रतिकूलन का प्रतीक माना गया है तथा एक ऐसे पारिस्थितिक स्वरूप को जन्म देता है जिसमें सामानुकूलन अत्यधिक विपरीत परिस्थितियों में ही किया जाता है।

Desertification generally refers to wide areas of natural conditions that result from the absence of vegetation by low rainfall and high temperatures, where sand-stupas spread over vast areas.It is not possible to do agriculture in the absence of water.

यह मात्र प्राकृतिक अवस्था ही नहीं बल्कि इस हेतु अनेक अर्थों में मानवीय क्रियाकलाप भी जिम्मेदार होते हैं तथा यह एक पर्यावरण अवकर्षण का स्वरूप है।मरुस्थलीकरण के अंतर्गत पर्यावरण का अत्यधिक अवनयन होता है।भारत के अनेक राज्यों में मरुस्थलीकरण की समस्या पाई जाती है।भारत देश में शुष्क तथा अर्धशुष्क मरुस्थलीय प्रदेशों का विस्तार क्रमशः 12.13% तथा 29.13% क्षेत्र है।सबसे अधिक विस्तार राजस्थान,गुजरात,पंजाब,हरियाणा राज्य में है।आंध्रप्रदेश,महाराष्ट्र तथा कर्नाटक राज्यों में भी इस प्रकार के क्षेत्र का विस्तार देखा जाता है।भारत देश में केंद्र सरकार ने 1959 में जोधपुर में केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (CAZRI) की स्थापना करके मरुस्थलीकरण जैसी विकराल समस्या को रोकने के लिए प्रयत्न किए हैं।

It is not only natural condition but also human activities are responsible for this in many senses and it is a form of environmental degradation.Under desertification there is excessive degradation of environment.The problem of desertification is found in many states.The expansion of dry and semi-arid desert regions in India is 12.13% and 29.13% respectively.The largest expansion is in the state of Rajasthan, Gujarat, Punjab, Haryana.The expansion of this type of area is also seen in the states of Andhra Pradesh, Maharashtra and Karnataka.In India, the central government in the country in 1959 established the Central Arid Zone Research Institute (CAZRI) at Jodhpur, the formidable problem of desertification.Tried to stop it.

मरुस्थलीकरण के मुख्य कारण- (The main causes of Desertification are-)

मरुस्थलीकरण के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं-
1.बड़े स्तर पर वनोन्मूलन।
2.अनियंत्रित तथा अत्यंत पशुचराई।
3.वायु द्वारा मरुस्थल का विस्तार।
4. जनसंख्या में अत्यधिक वृद्धि।
5.वर्षा के अभाव के कारण सूखा पड़ना।
6.मिट्टी की लवणता में वृद्धि होना।
7.भूमिगत जल स्तर में गिरावट।
8.मिट्टी में नमी व आर्द्रता की कमी होना।

The main causes of desertification are-
1.Large scale deforestation.
2.Uncontrolled and extreme cattle grazing.
3.Expansion of desert by wind.
4.Excessive increase in population.
5.Drought due to lack of rain.
6.Increase in salinity of the soil.
7.Decline in ground water level.
8.Lack of moisture and humidity in the soil.

मरुस्थलीकरण को नियंत्रित करने के मुख्य उपाय- (The main measures to control Desertification are-)

निम्नलिखित उपायों द्वारा मरूस्थलीकरण को नियंत्रित कर सकते हैं-
1.वृक्षों की कटाई पर रोक।
2.पारिस्थितिकी के अनुरूप सघन वृक्षारोपण।
3.ईंधन के अन्य स्रोतों का विकास।
4.चारागाह क्षेत्रों का समुचित विकास तथा अनियंत्रित पशुचराई पर प्रतिबंध।
5.नमी संरक्षण एवं शुष्क कृषि का विकास।
6.रेत के टीलों का स्थानांतरण रोकने के उपाय किये जायें।
7.वायु मार्ग में वृक्षों की सघन पट्टियाँ विकसित की जायें जिससे मरुस्थल के विस्तार को रोक सकते हैं।
8.वर्षा एवं भूजल का समुचित उपयोग एवं संरक्षण।
9.लोगों में अधिकाधिक जनजागृति उत्पन्न करना।
10.लोगों को पर्यावरण के महत्व के बारे में बताना।

Desertification can be controlled by following measures-
1.Ban on felling of trees.
2.Eco-friendly dense plantation.
3.Development of other sources of fuel.
4.Proper development of pasture areas and ban on uncontrolled cattle grazing.
5.Moisture conservation and development of dry agriculture.
6.Measures should be taken to stop the shifting of sand dunes.
7.Dense belts of trees should be developed in the airways, which can prevent the expansion of the desert.
8.Proper use and conservation of rain and groundwater.
9.To create more and more public awareness among the people.
10.Educating people about the importance of environment.

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
edudurga.com

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