अलग-अलग स्थानों पर लगे कंप्यूटरों को जोड़कर सूचना यहांँ-वहांँ भेजने तथा लेने के लिए बनाई गई एक विशेष प्रणाली को इंटरनेट कहा जाता है। इसमें कंप्यूटर नेटवर्क प्रणाली के तहत संपूर्ण कार्य करते हैं। इस प्रणाली के द्वारा अनेक देशों को एक साथ कंप्यूटरों के द्वारा जोड़ा जा सकता है। ये किसी भी प्रकार की सूचना को चाहे वह शब्दों में हो या ध्वनि में, फोटो में या दृश्यों में हो, अपनी अंकीय भाषा में परिवर्तित कर सकते हैं। फिर उन्हें इंटरनेट के द्वारा प्रसारित भी कर सकते हैं। ऐसी सूचनाओं को पत्र या फोन की तरह किसी विशेष पते पर भेज सकते हैं। यह पत्रिका की तरह सबके लिए प्रसारित भी की जा सकती है। जिस कंप्यूटर में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध होती है उसके द्वारा (सॉफ्टवेयर के माध्यम से) उस सूचना को अपने कंप्यूटर पर देख सकते हैं।
इंटरनेट की स्थापना अमेरिका में एक विशेष परियोजना के तहत की गई थी। उस समय उस योजना का उद्देश्य परमाणु हमले के समय संचार के माध्यम से आपस में बात करना एवं अपने विचार प्रदान करना था। यह उद्देश्य मुख्यतः 'रक्षा' से संबंध रखता था। किंतु अब रक्षा अनुसंधान शालाओं से निकलकर इसका व्यावसायिक उपयोग बढ़ चुका है।
वर्तमान समय में इंटरनेट पर निम्न प्रकार की सुविधाएंँ प्रत्येक उपभोक्ता को उपलब्ध हैं–
1. ई-मेल- ईमेल के माध्यम से किसी सूचना या संदेश को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से कम से कम समय में एक स्थान से दूसरी स्थान पर भेज सकते हैं।
2. डब्लू.डब्लू.डब्लू- इसे एक प्रकार का डेटाबेस कहा जाता है।जिसका विस्तार विश्व भर में फैला हुआ है। इसमें उपभोक्ता डेटा बेस के माध्यम से सूचनाएंँ, ध्वनि, चित्र, कार्टून इत्यादि भी एक जगह से दूसरी जगह भेज सकते हैं या प्राप्त भी कर सकते हैं।
3. होम पेज- किसी भी व्यक्ति के द्वारा, संस्था, कंपनी तथा कंपनी समूह इस सुविधा का इस्तेमाल किया जा सकता है। कंपनी अपने बारे में, अपने उत्पादों के बारे में सूचनाएंँ इसमें डालकर विज्ञापन कर सकती हैं।
4. सूचना भंडार- विश्वकोष, नवीन व प्राचीन पुस्तकें, विशेष लेख, अदालती फैसले इत्यादि इसमें डाल दिए जाते हैं। जो भी व्यक्ति चाहे और जब भी चाहे इसका उपयोग अपनी आवश्यकता के अनुसार कर सकता है।
5. खेल बातचीत और बुलेटिन कार्ड- इस सुविधा से खेल या बातचीत दो शहरों में बैठकर आसानी से की जा सकती है। बुलेटिन कार्डों का इस्तेमाल सूचना या खबरों का आदान-प्रदान तथा बातचीत करने हेतु किया जाता है।
6. टेलनेट- इस सुविधा के द्वारा दुनिया भर के पुस्तकालयों से संपर्क करके आवश्यकता की किताबों का पता लगाया जा सकता है एवं घर बैठे इसका लाभ लिया जा सकता है।
7. व्यापक क्षेत्र सूचना प्रणाली- किसी भी कस्बे या शहर से एक विशेष नंबर को डायल करके इंटरनेट की भरपूर सुविधा ली जा सकती है।
इंटरनेट का व्यापक महत्व- इंटरनेट ने वर्तमान समय में व्यापार के नए-नए रास्ते खोल दिए हैं। कंपनियों के उत्पादनों का विज्ञापन देखकर संसार में कहीं से भी इंटरनेट के माध्यम से ऑर्डर दिया जा सकता है एवं सामान की कीमत प्राप्त की जा सकती है। इसके द्वारा फोन, फेक्स और डाटा के खर्च में भी बचाव कर सकते हैं।
इंटरनेट का हिंदीकरण (लेंग स्केप)- आज के समय में भारतीय भाषाओं में भी इंटरनेट पर पहुँच सकते हैं। एक भारतीय कंपनी ने अपनी 'आकृति श्रंखला' के सॉफ्टवेयरों के तहत 'लेंग स्केप' नामक सॉफ्टवेयर पेश किया है।इस सॉफ्टवेयर के विकास में भारतीय इंजीनियरों ने अपनी मुख्य भूमिका निभाई है। लैंगस्केप के माध्यम से टाइप भी की जा सकती है तथा टाइप की गई सामग्री को इंटरनेट फॉर्मेट में परिवर्तित भी किया जा सकता है। इंटरनेट में इस प्रकार की सुविधा भी उपलब्ध है कि अंग्रेजी में टाइप की गई सामग्री को हिंदी में परिवर्तन कर सकते हैं।
इंटरनेट का कनेक्शन– भारत देश में इंटरनेट सेवा मुख्य रूप से विदेश संचार निगम लिमिटेड (वी.एस. एन. एल.) प्रदान करता है। इसके लिए एक टेलीफोन लाइन लेना पड़ता है। ये सुविधा प्राप्त होने के पश्चात आपके लिए प्रत्येक सूचना, जो इंटरनेट पर उपलब्ध है, इसे प्राप्त करना सरल हो जाता है। यह सूचना पढ़ाई-लिखाई से लेकर व्यापार, खेलकूद इत्यादि किसी भी प्रकार की भी हो सकती है।
'आई नेट' के माध्यम से भारत में इंटरनेट तथा ईमेल की सेवाएंँ उपलब्ध होती हैं। यहांँ इंटरनेट की सेवा प्राप्त करने के लिए भारत संचार निगम लिमिटेड से संपर्क करना पड़ता है। इंटरनेट का मायाजाल जितना व्यापक है उससे संपर्क बनाना अर्थात जुड़ना उतना ही आसान होता है। इंटरनेट विज्ञान जगत की महानतम उपलब्धियों में से एक है। अतःवर्तमान समय में सभी क्षेत्रों में इसका प्रयोग बड़ी से बड़ी मात्रा में तेजी से किया जा रहा है।
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I hope the above information will be useful and
important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण
होगी।)
Thank you.
R F Temre
edudurga.com
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