विराम चिन्ह की परिभाषा– विराम से तात्पर्य कुछ समय के लिए 'ठहरना' अथवा 'रुकना' होता है।जब कभी व्यक्ति अपने मन के भाव या विचारों को व्यक्त करते समय बीच में या बात खत्म होने पर थोड़ी देर के लिए रुकता है तो उसे विराम कहा जाता है।अर्थात् लिखते या पढ़ते समय रुकावट या विराम के स्थानों को जिन चिन्हों द्वारा व्यक्त करते हैं,उसे विराम चिन्ह कहते हैं।भाषा में विराम चिन्हों का विशेष महत्व माना जाता है।यदि चिन्हों का उचित प्रयोग न किया जाए तो अर्थ का अनर्थ हो सकता है।
अत: लेखन व पठन शैली को प्रभावशाली रूप देने,वाक्य का अर्थ स्पष्ट करने,भावों की अभिव्यक्ति अथवा वाक्यों में उतार-चढ़ाव एवं ठहराव दर्शाने हेतु कई प्रकार के विराम चिन्हों का प्रयोग किया जाता है।ऐसे ही विशेष चिन्हों को विराम चिन्ह कहते हैं। विराम चिन्हों का प्रयोग वाक्य के बीच में या अंत में करते हैं।हिन्दी व्याकरण के विशेषज्ञ कामता प्रसाद गुरु ने विराम चिन्हों के 20 प्रकार बताए हैं।पूर्ण विराम चिन्ह को छोड़कर बाकी सभी विराम चिन्ह अंग्रेजी से लिए गए हैं।
हिंदी में प्रयुक्त होने वाले प्रमुख विराम चिन्ह इस प्रकार हैं-
1.पूर्ण विराम (।)
2.अर्ध विराम (;)
3.अल्पविराम (,)
4.प्रश्नवाचक (?)
5.विस्मय वाचक/आश्चर्य चिन्ह (!)
6.निर्देशक / संयोजक चिन्ह (–)
7.अवतरण / उद्धरण चिन्ह (' ') (" ")
8.योजक (-)
9.विवरण चिन्ह (:-)
10.कोष्टक (..)[..] {..} 【..】
11.लाघव / संक्षेप सूचक (०)
12.हंस पद,त्रुटिबोधक चिन्ह (^)
13.समतामूलक / तुल्यता (=)
14.दीर्घ उच्चारण चिन्ह (S)
15.उप विराम /अपूर्ण विराम (:)
16.लोप चिन्ह (..., +++,***)
17.पुनरुक्ति सूचक (,, ,,)
18.समाप्ति सूचक (–०–,–,–×–)
19.टीका सूचक(*,+,+,2)
20.पाद बिंदु(÷)
विराम चिन्हों का उचित विवरण निम्नांकित है–
(1).पूर्ण विराम(।) Full Stop(.)–
पूर्ण विराम का प्रयोग प्रश्नवाचक तथा विस्मयवाचक वाक्यों को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के वाक्यों के अंत में प्रयोग करते हैं।जब हम बोलते समय वाक्य की समाप्ति पर कुछ समय के लिए ठहरते हैं,तब अगला वाक्य प्रारंभ करते हैं।उस समय इस चिन्ह का प्रयोग करते हैं,जैसे–
i.सुचित्रा बाजार गई।
ii.राकेश बहुत मेहनत करता है।
(2).अर्धविराम(;) Semi Colon(;)–
जब कभी अर्धविराम की तुलना में थोड़ी कम समय के लिए रुकना होता है,वहांँ अर्धविराम चिन्ह का प्रयोग करते हैं,जैसे–
i.जुबिन बाजार से घर गया; नहाया और नाश्ता किया; अपनी गाड़ी उठाई और स्कूल चला गया।
ii.सपना भोपाल से जबलपुर गई; परीक्षा दिया और पुस्तकें खरीदी; एवं पुनःवापस आ गई।
(3).अल्प विराम(,)Comma(,)–
वाक्य में जब बहुत कम समय के लिए रुकना होता है, तो वहांँ अल्प विराम का प्रयोग करते हैं।इस चिन्ह का प्रयोग वाक्य में सबसे अधिककिया जाता है,जैसे–
i.अर्चना विवाह में न जा सकी, क्योंकि वह बीमार थी।
ii.हांँ,मैं रायपुर जाऊँगी।
(4).प्रश्नवाचक चिन्ह(?) Question Mark(?)–
जब वाक्य में क्या,कब,क्यों,कहांँ,कैसे,आदि शब्दों का प्रयोग करते हैं,वहांँ प्रश्नवाचक चिन्ह लगाया जाता है,जैसे–
i.राकेश सिवनी कब जा रहा है ?
ii.पूर्णिमा कहांँ जा रही है ?
iii.प्रज्ञा क्या पढ़ रही है ?
iv.प्रखर तुम कैसे हो ?
(5).विस्मय वाचक/आश्चर्य सूचक(!) Exclamation(!)–
विस्मय वाचक चिन्ह का प्रयोग आश्चर्य,घृणा, हर्ष विस्मय आदि भाव को व्यक्त करने वाले शब्दों के साथ करते हैं,जैसे–
i.अरे! तुम लिख चुके।
ii.वाह!कितनी सुंदर पोशाक है।
iii.हे प्रभु!अभिषेक को सद्बुद्धि दो।
(6).निर्देशक /संयोजक (–) Dash(–)–
जब किसी व्यक्ति के द्वारा कहे गए कथन को उद्धृत करना होता है,वाक्य में टूटे हुए विचारों को जोड़ना होता है या किसी रचना के पश्चात उसके कवि या लेखक का नाम लिखना होता है तो निर्देशक चिन्ह का प्रयोग करते हैं,जैसे–
i.रचित–तुम कहांँ जा रहे हो?
ii.कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी निम्नांकित हैं–प्रखर,पंकज,आकृति,सिद्धार्थ व योगेश।
(7).अवतरण /उद्धरण (' ') (" ")Inverted Comma(" ") (' ')–
जब किसी कथन को ज्यों का त्यों उद्धृत करना हो तब इस चिन्ह का प्रयोग करते हैं,जैसे–
i.मैंने डॉक्टर वत्स की 'मधुआला' पढ़ी।
Ii.डॉक्टर वर्मा ने कहा–"जो सदैव प्रसन्न रहते हैं वे स्वस्थ रहते हैं।"
(8).योजक चिन्ह (-)Hyphen(-)–
जब समानार्थक शब्द लिखना हो तब उनके बीच योजक चिन्ह का प्रयोग करते हैं,जैसे– सुख-दुख, जीवन-मरण, दूर-दूर,पास-पास आदि।
(9).विवरण चिन्ह (:-)Colon Dash(:-)–
जब किसी कथन को विस्तृत रूप में व्यक्त करना होता है तब इस चिन्ह का प्रयोग करते हैं,जैसे–
i.निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर 250 शब्दों में निबंध लिखिए:- आदि।
(10).कोष्ठक (..),[..],{..} Bracket(..),{..},[..]–
कोष्ठक का प्रयोग विकल्पों को दिखाने या क्रमसूचक अंको,अक्षरों के साथ करते हैं,जैसे–
i.(क), (ख), (10), (20) आदि।
(11).लाघव चिन्ह (०)Abbreviation(०)–
किसी बड़े शब्द को संक्षिप्त रूप से व्यक्त करने हेतु लाघव चिन्ह का प्रयोग करते हैं,जैसे–
i.प्रो०, एम०ए०, बी०ए०, उ०प्र आदि।
(12).हंसपद / त्रुटिबोधक(^)Erroneous(^)–
वाक्य लिखते समय जब कोई शब्द या अंश छूट जाता है।तब हंसपद चिन्ह को लगाकर उस छूटे हुए शब्द को लगा देते हैं,जैसे–
संविधान
26 जनवरी 1950 को हमारा ^ लागू हुआ।
(13).समतामूलक अथवा तुल्यता(=)Equal(=)–
जब किसी शब्द का अर्थ लिखना होता है तब उस समय समतामूलक शब्द का प्रयोग करते हैं,जैसे–
i.ललित = सुंदर
ii.निशीथ = रात्रि का द्वितीय प्रहर आदि।
(14).दीर्घ उच्चारण चिन्ह(S)Long Accent(S)–
जब वाक्य में किसी शब्द विशेष के उच्चारण में दूसरे शब्दों की अपेक्षा अधिक समय लगता है तब वहाँ दीर्घ उच्चारण चिन्ह का प्रयोग करते हैं।छंद में दीर्घ मात्रा (का,की,कू,के,कै,को,कौ) एवं लघु मात्रा (क,कि,कु,)को दर्शाने हेतु इनका प्रयोग किया जाता है,जैस–
i.देखत भृगुपति बेषु कराला।
S l l l l l l S l l S S
(यहाँ16 मात्राएँ हैं l को एक व S को दो माना गया है)
(15).उप विराम /अपूर्ण विराम चिन्ह (:)Colon(:)–
जब किसी शब्द को अलग दर्शाना होता है वहांँ उप विराम या अपूर्ण विराम का प्रयोग करते हैं, जैसे–
i.विज्ञान: वरदान या अभिशाप।
ii.उदाहरण: श्याम घर जाता है।
(16).लोप चिन्ह(..., +++)Omitted Sign(...,+++,***)–
जब वाक्य या अनुच्छेद में कुछ अंश छोड़कर लिखना होता है तब वहांँ इस लोप चिन्ह का प्रयोग करते हैं, जैसे–
i. मैं टिकट लेकर आऊँगी पर...,मैं साथ नहीं आऊँगी।
(17).पुनरूक्ति सूचक (,, ,,)Repetion Mark(,, ,,)–
ऊपर लिखे किसी वाक्य या वाक्य के अंश को पुनः लिखने का श्रम बचाने के लिये करते हैं, जैसे–
क्रमांक.... नाम.... राशि....
1. .... राम .... 100 रू.
2. .... श्याम .... ,, ,,
3. .... रमा .... ,, ,,
4. .... लता .... 50 रू.
(18).समाप्ति सूचक(–०–,–,–×–)Termination Indicator(–०–,–,–×–)–
इस सूचक का उपयोग बड़े या लम्बे लेख,कहानी,अध्याय या पुस्तक के अंत में करते हैं,जो हमें ये सूचित करते हैं कि लेख,कहानी एवं अध्याय समाप्त हो चुकी है।
(19).टीका सूचक (*,+,+,2)–
(20).पाद बिंदु(÷)–
I hope the above information will be useful and
important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण
होगी।)
Thank you.
R F Temre
edudurga.com
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