संविधान का अर्थ एवं परिभाषा– संविधान उन विभिन्न नियमों का संग्रह होता है जो एक राज्य अपने सफल जीवन हेतु अपनाता है।संविधान राज्य के लिए अति आवश्यक होता है।जिस तरह जयलिनिक ने कहा है, "संविधान विहीन राज्य की कल्पना नहीं की जा सकती है।संविधान के अभाव में राज्य, राज्य न होकर एक प्रकार का अराजकता होगी।"
गिलक्राइस्ट के शब्दों में, "संविधान उन लिखित या लिखित नियमों का समूह होता है जिनके द्वारा सरकार का संगठन, सरकार की शक्तियांँ, विभिन्न अंगों में वितरण और इन शक्तियों के प्रयोग के सामान्य सिद्धांत निश्चित किए जाते हैं।" इसलिए संविधान में व्यक्ति और राज्य का संबंध, सरकार का संगठन, सरकार की कार्यविधि, अधिकारियों के अधिकार एवं कर्तव्य आदि का वर्णन किया जाता है।
Constitution Meaning and Definition– Constitution is a collection of various rules that a state adopts for its successful life.Constitution is very important for the state.As Jaylinik has said, "A state without a constitution cannot be imagined. Without a constitution, a state would be an anarchy, not a state."
In the words of Gilchrist, "A constitution is a set of written or written rules by which the organization of government, the powers of government, distribution among various organs and these The general principles of the exercise of powers are laid down." Therefore, in the constitution, the relation of the individual and the state, the organization of the government, the procedure of the government, the rights and duties of the officers, etc. are described.
वैसे तो एक अच्छे संविधान का कोई निश्चित स्वरूप निर्धारित नहीं कर सकते हैं, क्योंकि भिन्न-भिन्न देशों में वहांँ की परिस्थितियों के अनुसार भिन्न-भिन्न संविधान उपयुक्त होते हैं।प्रत्येक संविधान में कुछ विशेषताएंँ जरूर होनी चाहिए।ये विशेषताएंँ अथवा आवश्यक तत्व इस प्रकार हैं–
(1).स्पष्टता– एक अच्छे संविधान हेतु उसमें स्पष्टता का होना अत्यंत आवश्यक होता है।शासन का स्वरूप कैसा हो, उसकी शक्तियांँ क्या हों तथा शासन के विभिन्न अंगों में संबंध कैसे हो ? आदि का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए।संविधान में स्पष्टता की कमी में आने वाले वर्षों में विवाद खड़े होने की पूर्ण संभावना बनी रहती है।
(2).सरलता– संविधान की भाषा बिल्कुल सरल एवं सहज होना बेहद जरूरी होता है।संविधान के सहज व सरल भाषा में लिखे होने से किसी भी प्रकार का भ्रम उत्पन्न होने की संभावना नहीं रहती है।इसकी भाषा इतनी सरल होनी चाहिए कि आम नागरिक भी उसे अच्छे से समझ जाए। संविधान की भाषा में सरलता की कमी है।इसीलिए कभी-कभी इसकी आलोचना की जाती है।
(3).सूक्ष्मता– संविधान का सूक्ष्म होना एक अच्छे संविधान की विशिष्टता होती है।यह बहुत ज्यादा विस्तृत नहीं होना चाहिए, क्योंकि लंबे-चौड़े संविधान में अनावश्यक रूप से जटिलताओं में वृद्धि की संभावना होती है।अतः संविधान में सिर्फ अति महत्वपूर्ण या आवश्यक बातें ही शामिल होनी।
(4).व्यापकता– संविधान में व्यापकता का होना भी अति आवश्यक माना जाता है अर्थात संविधान इस तरह लिखा जाना चाहिए कि उसमें शासन के प्रत्येक अंगों की व्यवस्था का वर्णन आ सके।गेटल ने भी कहा है, "संविधान को व्यापक होना चाहिए अर्थात् संपूर्ण जानकारी क्षेत्र इसके अंदर आ जाये। कम से कम समस्त राजनीतिक शक्तियों के प्रयोग का प्रबंध तथा राज्य के मूलभूत संगठन का खाका तैयार कर लेना चाहिए।" उसमें सरकार और नागरिकों के अधिकार और कर्तव्य संबंधित सभी बातों का समावेश होना चाहिए।
(5).न अधिक कठोर, न अधिक लचीला– एक अच्छा संविधान न ही तो अधिक कठोर होना चाहिए और न ही अधिक लचीला होना चाहिए अर्थात, उसमें बदलाव की प्रक्रिया न तो इतनी जटिल होनी चाहिए कि परिस्थितियों के अनुसार उसे परिवर्तन ही न किया जा सके और न ही ये प्रक्रिया इतनी सरल हो कि उसमें बार-बार बदलाव किए जाने लगें और संविधान का स्वरूप ही बदल जाए।
(6).स्वतंत्र और सशक्त न्यायपालिका की व्यवस्था– अच्छे संविधान की विशेषता यह भी है कि उसमें एक स्वतंत्र न्यायपालिका की व्यवस्था हो।जो व्यक्तियों को शोषण व अन्याय के खिलाफ उचित न्याय प्रदान कर सके।एक सशक्त, स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका किसी भी राज्य की सर्वाधिकार पूरी होती है।अतः एक अच्छे संविधान में इसकी पूर्ण व्यवस्था की जाती है।
(7).मौलिक अधिकारों का उल्लेख– वर्तमान युग में सभी देश अपने नागरिकों को कुछ मौलिक अधिकार प्रदान करता है, क्योंकि व्यक्तित्व के विकास हेतु यह आवश्यक होता है और चूँकि संविधान का मूल उद्देश्य नागरिकों का हित है। अतः उसमें इन मौलिक अधिकारों की घोषणा होनी चाहिए।
(8).स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूलन– अरस्तु के अनुसार, "जिस देश का संविधान वहांँ की परिस्थितियों के अनुरूप नहीं होता, जनता उसके प्रति कभी श्रद्धा नहीं रखती और वहांँ क्रांति होती है।" कोई भी संविधान तभी अच्छा माना जा सकता है, जब वह उस देश की परिस्थितियों के अनुकूल हो।संविधान एक देश में सफल हो सकता है, किंतु यदि उसी संविधान को दूसरी परिस्थितियों वाले देश में लागू किया जाता है, तो यह आवश्यक नहीं है कि वह उस देश में भी सफल हो सके।अतः संविधान स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप ही होना चाहिए।
By the way, no definite form of a good constitution can be determined, because different constitutions are suitable in different countries according to the circumstances there.Each constitution has some features.Must be there.These characteristics or essential elements are as follows-
(1).Clarity– For a good constitution, it is very important to have clarity in it. etc. should be clearly mentioned.The lack of clarity in the constitution has every possibility of creating controversy in the coming years.
(2).Simplicity– It is very important for the language of the constitution to be simple and easy.The language should be so simple that even common citizens can understand it well.The language of the constitution lacks simplicity.That is why it is sometimes criticized.
(3).Shortness– The subtlety of a constitution is the hallmark of a good constitution.It should not be too elaborate, as there is a possibility of unnecessarily increasing complications in a lengthy constitution.Therefore, only the most important or essential things should be included in the constitution.
(4).Comprehensive– It is also considered very important to have a comprehensiveness in the constitution, that is, the constitution should be written in such a way that the description of the arrangement of each of the organs of government can come.Gatel has also said, "The constitution should be comprehensive, that is, the entire knowledge area should come under it.At least the management of the exercise of all political powers and the basic organization of the state should be prepared." It should include everything related to the rights and duties of the government and citizens.
(5).neither too rigid, nor more flexible– A good constitution should neither be too rigid nor too flexible, that is, the process of its change should not be so complicated that the circumstances According to this, it cannot be changed, nor should this process be so simple that changes are made in it again and again and the nature of the constitution itself changes.
(6).System of independent and strong judiciary– The specialty of a good constitution is that it should have an independent judiciary system. Which can provide proper justice to the individuals against exploitation and injustice.A strong A free and fair judiciary is the absolute authority of any state.Therefore, it is fully arranged in a good constitution.
(7).Mention of Fundamental Rights– In the present era, all the countries provide some fundamental rights to their citizens, because it is necessary for the development of personality and since the basic objective of the constitution is the interest of the citizens.Therefore, these fundamental rights should be declared in it.
(8).Adaptation to local conditions– According to Aristotle, "The country whose constitution is not according to the conditions there, the people never revere it and there is a revolution." Any constitution can be considered good only when it suits the conditions of that country.The constitution can be successful in one country, but if the same constitution is implemented in a country with other circumstances, then it is not necessary that He can be successful in that country also. Therefore, the constitution should be according to the local conditions.
समस्त राज्यों को संविधान की आवश्यकता निम्नांकित वजहों से होती है–
(1).राज्य के अधिकारियों को संविधान, उनके अधिकारों व कर्तव्यों का बोध कराता है।
(2).संविधान के माध्यम से राज्य की प्रतिष्ठा की पूर्ण रक्षा होती है।
(3).संविधान नागरिकों के मौलिक अधिकारों का सर्वश्रेष्ठ रक्षक होता है।
(4).संविधान सरकार का उचित मार्ग-दर्शन करने वाला यंत्र के समान होता है।
(5). संविधान के माध्यम से नागरिक अपने अधिकारों व कर्तव्यों से पूर्णत: परिचित होते हैं।
All states need a constitution for the following reasons-
(1).The constitution makes the officers of the state aware of their rights and duties.
(2).The prestige of the state is fully protected through the constitution.
(3).The constitution is the best protector of the fundamental rights of the citizens.
(4).The constitution is like a tool to guide the government properly.
(5).Citizens are fully aware of their rights and duties through the Constitution.
I hope the above information will be useful and
important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण
होगी।)
Thank you.
R F Temre
edudurga.com
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