भारत के कुछेक राज्यों में मातृवंशीय समाज पायी जाती हैं। मातृवंशीय समाजों में परिवार का केंद्र माता को माना जाता है। माता का मूल पूर्वज भी एक पुरुष नहीं वरन् एक स्त्री को माना जाता है। इस समाज में वंश परंपरा और उत्तराधिकार का आधार नारी को ही दिया जाता है। इस प्रकार की समाज में प्रत्येक व्यक्ति के अधिकार माता के साथ उसके संबंधों पर निर्भर होते हैं।
Matrilineal societies are found in some states of India. In matrilineal societies the center of the family is considered to be the mother. The original ancestor of the mother is also not considered a man but a woman. In this society, the basis of lineage and succession is given to woman only. In this type of society the rights of every individual depend on his relationship with his mother.
1. पत्नी विवाह के पश्चात पति के घर (ससुराल) न जाकर अपने ही घर (मायके) में ही रहती है। पति को पत्नी के घर ही रहना पड़ता है। परंतु उसे कोई अधिकार प्राप्त नहीं होता है।
2. पुत्र को अपने पिता की ओर से कोई भी संपत्ति प्राप्त नहीं होती। संबंधी उनके सभी अधिकार माता के संबंध से निश्चित होते हैं ।
3. परिवार में माता का यदि और यदि संयुक्त परिवार है, ऐसी स्थिति में स्त्री का स्थान प्रधान माना जाता है।
4. संपूर्ण वंशावी माता के नाम पर ही चलती है। इस मातृवंशीय व्यवस्था में संतान को पिता के कुल की न समझ कर माता के कुल की समझी जाती है।
5. परिवार पर पिता के वंश के सदस्यों का कोई अधिकार नहीं होता है।
6. पति को पत्नी की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होता है।
7. अगर किसी कारण वश माता की मृत्यु हो जाती है, तब ऐसी स्थिति में उसकी लड़की को संपत्ति का हकदार माना जाता है।
8. परिवार के लड़कों में सर्व प्रथम स्थान माता के भांजे का होता है , उसके पुत्र का नहीं।
1. After marriage, the wife does not go to her husband's house (in-laws' house) and stays in her own house (maiden). The husband has to stay at the wife's house. But he does not get any rights.
2. The son does not receive any property from his father. All their rights in relation are determined by their relation to the mother.
3. If there is a joint family of the mother in the family and if there is a joint family, in such a situation, the position of the woman is considered to be dominant.
4. The entire lineage runs in the name of the mother. In this matrilineal system, the child is considered to be of the mother's family rather than the father's family.
5. The members of the father's lineage have no right over the family.
6. The husband does not have any right over the property of the wife.
7. If the mother dies due to any reason, then in such a situation her daughter is considered entitled to the property.
8. The first place among the boys of the family belongs to the nephew of the mother, not to her son.
भारत के अनेक स्थानों पर मातृसत्तात्मक समाज मौजूद हैं। यहाँ पर इस समाज को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है -
अ. ब्रह्मापुत्र का दक्षिणी तट - यहाँ पर मातृवंशीय आदिम जाति खासी, गारो आदि पाई जाती हैं ।
ब. केरल- केरल राज्य में भी नायर जाति प्रमुख है ।
स. दक्षिणी भारत क्षेत्र- यहाँ पर इन क्षेत्रों में इरुला, पुलायन, कादर आदि समाज देखने को मिलते हैं।
Matriarchal societies exist at many places in India. Here this society is divided into three areas -
a. Southern coast of Brahmaputra - Here matrilineal primitive caste Khasi, Garo etc. are found.
b. Kerala- Nair caste is also prominent in the state of Kerala.
S. Southern India Region- Here in these areas Irula, Pulayana, Kadar etc. societies are seen.
भारत के असम राज्य में खासी, गारो जनजातीय में मातृसत्तात्मक परिवार मुख्य रूप से देखने को मिलते हैं। इस जनजाति में विवाह के पश्चात पति पत्नी के घर जाकर रहने लगता है और अपनी समस्त आय सास के सुपुर्द दे देता है । उसके सभी प्रकार के खर्चे उसकी सांस के द्वारा चलाया जाता है। यहाँ पर वंश परंपरा स्त्री पूर्वज से मानते हैं । उनका देवता भी एक स्त्री को ही माना जाता है एवं संपूर्ण जायदाद् का उत्तराधिकारी भी माता की ओर से ही होता है। इस समाज में संपत्ति का अधिकांश हिस्सा सबसे छोटी बेटी को प्राप्त होता है। खासी समाज में पति का स्थान छोटा होता है । पति का स्थान परिवार में केवल 'यू शाय खा' अर्थात संतति वाला होता है। यहाँ पर पुरोहित का कार्य भी स्त्रियों के द्वारा ही संपन्न होता है। जाति में परिवार में यदि कोई स्त्री सदस्य न हो या मर गई हो तो ऐसी स्थिति में लड़कियों को गोद लेने की प्रथा प्रचलित है ताकि मातृसत्तात्मक वंश निरंतर चलती रहे ।
p>Matrilineal families are mainly seen in Khasi, Garo tribals in the state of Assam, India. After marriage in this tribe, the husband starts living at the wife's house and gives all his income to the mother-in-law. All his expenses are run through his breath. Here the lineage is from the female ancestor. Their deity is also considered to be a woman and the heir to the entire property is also from the mother's side. In this society most of the property goes to the youngest daughter. In the Khasi society, the position of the husband is small. The place of the husband in the family is only 'U Shay Kha' i.e. the one with the progeny. Here the work of priest is also done by women only. In caste, if there is no female member in the family or has died, then in such a situation the practice of adopting girls is prevalent so that the matrilineal lineage continues.राजनीतिक क्षेत्र में भी स्त्रियों को बहुत अच्छा स्थान प्राप्त है। स्त्रियाँ ही श्रेष्ठ पदों को प्राप्त करती हैं। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि पति जब आर्थिक दशा से पूर्ण रूप से स्वतंत्र सक्षम हो जाता है और अपनी पत्नी एवं बच्चों का पालन पोषण करने में समर्थ हो जाता है तो वह ऐसी स्थिति में अपना एक स्वतंत्र घर बसा लेता है ।खेती का कार्य प्रायः पुरुष ही करते हैं और स्त्रियाँ घर पर कताई बुनाई का कार्य करती हैं।
Women also have a very good position in the political field. Only women get the best positions. Sometimes it also happens that when the husband becomes completely independent from the financial condition and is able to take care of his wife and children, then he settles down an independent home in such a situation. The work is usually done by men and women do the work of spinning and weaving at home.
इस समाज में भी बच्चे अपने परिवार तथा वंश का नाम माता के द्वारा ही ग्रहण करते हैं। ये लोग भी 'खासी' लोगों के जैसे ही अपना मूल पूर्वज एक स्त्री को ही मानते हैं। गारो जनजाति में छोटी लड़की को ही विशिष्ट अधिकार दिया जाता है। इस आधार पर लड़की के पति तथा अन्य लड़कियों और उनके पतियों में विभिन्न प्रकार का अंतर पाया जाता है। इस उद्देश्य से उन्हें अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। इस समाज में जिस लड़की को उत्तराधिकार प्राप्त होता है उसके पति को 'नोक्रोम'तथा सभी बहनों के पतियों को 'चौबारी'के नाम से संबोधित किया जाता है। यहाँ पति का कार्य पत्नी पर शासन करना नहीं होता, अपितु उनकी आज्ञा का पालन करना होता है। इस समुदाय में लड़की का विवाह उसकी बुआ के बेटे के साथ ही संपन्न कराया जाता है। लड़की के पिता के मर जाने के पश्चात उसके पति को विधवा सास से ही विवाह करना होता है ताकि संपूर्ण संपत्ति पर लड़की का अधिकार बना रहे।
In this society also children take the name of their family and lineage from the mother only. Like the 'Khasi' people, these people also consider their original ancestor to be a woman. In the Garo tribe, little girl is given exclusive rights. On this basis, different types of differences are found between the husband of the girl and other girls and their husbands. For this purpose they are called by different names. In this society, the husband of the girl who inherits the inheritance is addressed as 'nochrome' and the husbands of all the sisters are addressed as 'Choubari'. Here the husband's job is not to rule over the wife, but to obey her orders. In this community, the marriage of a girl is done only with the son of her aunt. After the death of the girl's father, her husband has to marry widow mother-in-law so that the girl's right over the entire property remains.
I hope the above information will be useful and
important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण
होगी।)
Thank you.
R F Temre
edudurga.com
Recent Posts
हिन्दी अनुच्छेद पढ़कर वैकल्पिक प्रश्नों हेतु सही उत्तर का चयन | NMMS, NAS एवं Olympiad
हिन्दी अनुच्छेद (अपठित गद्यांश) NMMSS, NAS एवं Olymiad की तैयारी | Hindi anuchchhed competition preparation
हिन्दी गद्यांश NMMSS, Olympiad and NAS हेतु के परीक्षा उपयोगी प्रश्न | परीक्षाओं की तैयारी हेतु सटीक वैकल्पिक प्रश्न (उत्तर सहित)
Categories
Subcribe