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वेदों का संक्षिप्त परिचय || Brief Introduction to the Vedas

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भारत का सबसे प्राचीनतम धर्मग्रंथ वेद को माना गया है, जिसके संकलनकर्ता महर्षि कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास को माना जाता है, वेद समस्त विश्व को बसुध्दैव कुटुंबकम् का उपदेश देता है। भारतीय परंपरा वेदों को नित्य एवं अपौरुषय मानती आई है।वेदों की संख्या चार है, जो कि इस प्रकार हैं– ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद हैं। इन सभी चारों वेदों को संहिता के नाम से जाना जाता है।

Veda is considered to be the oldest scripture of India, whose compiler is believed to be Maharishi Krishna Dwaipayana Vedavyasa, Veda preaches Basuddhaiva Kutumbakam to the whole world.Indian tradition has considered the Vedas to be eternal and apaurushaya. The number of Vedas is four, which are as follows–Rigveda, Yajurveda, Samveda and Atharvaveda.All these four Vedas are known as Samhita.

वेदों के प्रकार।Types of Vedas

वेदों के निम्न चार प्रकार हैं-
1.ऋग्वेद– ऋचाओं के क्रमबद्ध ज्ञान के संग्रह को ऋग्वेद कहते हैं।यह वेद सबसे प्राचीनतम ग्रंथ है।इसमें 10 मंडल, 1028 सुक्त एवं 10,462 ऋचाएंँ निहित हैं। ऋग्वेद के ऋचाओं के अध्ययन करने वाले ऋषि को होतृ कहा जाता है।इस वेद से आर्य के राजनीतिक प्रणाली व प्राचीन इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त होती है।यह वेद विश्वामित्र द्वारा रचित है।इसके तीसरे मंडल में सूर्य देवता सावित्री को समर्पित प्रसिद्ध गायत्री मंत्र है। इसके 9वें मंडल में देवता सोम का प्रसिद्ध उल्लेख प्राप्त है।इसके 8वें मंडल की हस्तलिखित ऋचाओं को खिल के नाम से जाना जाता है।चातुष्वण्रर्य समाज की कल्पना का आदि स्रोत ऋग्वेद के 10वे मंडल में वर्णित पुरुषसूक्त है, जिसके अनुसार चार वर्ण (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य एवं शूद्र) आदि पुरुष ब्रह्मा के क्रमशः मुख, भुजाओं, जांघाओं एवं चरणों से उत्पन्न हुए हैं।वामन अवतार के 3 पगों के आख्यान का सबसे पुराना स्रोत ऋग्वेद को ही माना जाता है।इसी वेद में ही इंद्र के लिए 250 तथा अग्नि के लिए 200 ऋचाओं की रचना भी की गई है।
2.यजुर्वेद– सस्वर पाठ हेतु मंत्रों व बलि के वक्त अनुपालन के लिए नियमों का संकलन यजुर्वेद कहलाता है। इसके अध्ययन कर्ता को अध्वर्यु कहा जाता है।यजुर्वेद में यज्ञों के नियमों एवं विधि-विधानों का संकलन भी प्राप्त होता है।यह एक ऐसा वेद है जो कि गद्य एवं पद्य दोनों में ही है प्राप्त है।
3. सामवेद– 'साम' शब्द का अर्थ है गान। इस वेद में मुख्यतः यज्ञों के अवसर पर गाए जाने वाले ऋचाओं (मंत्रों) का संकलन प्राप्त है।इसके अध्ययन कर्ता को उद्रातृ कहा जाता है।सामवेद को भारतीय संगीत का जनक भी कहते हैं। सामवेद में किसी भी विशेष ऐतिहासिक घटना का वर्णन प्राप्त नहीं होता है।
4.अथर्ववेद– अथर्ववेद ऋषि द्वारा रचित इस वेद में कुल 731 मंत्र एवं लगभग 6000 पद्य हैं।इसके कुछ मंत्र ऋग्वैदिक मंत्रों से भी प्राचीनतर हैं।अथर्ववेद कन्याओं के जन्म की पूर्ण निंदा करता है।ऐतिहासिक दृष्टि से अगर देखा जाए तो अथर्ववेद का महत्व इस बात में है कि इसके अंतर्गत सामान्य मनुष्यों के विचारों एवं अंधविश्वासों का विवरण प्राप्त होता है।पृथिवीसूक्त अथर्ववेद का प्रतिनिधि सूक्त माना जाता है।इसमें मानव जीवन के सभी पक्षों-गृह निर्माण, कृषि की उन्नति, व्यापारिक मार्गों का गाहन (खोज), रोग निवारण, समन्वय, विवाह तथा प्रणय गीतों, राजभक्ति, राजा का चुनाव, अनेक वनस्पतियों एवं औषधियों, शाप, वशीकरण, प्रायश्चित, मातृभूमि महात्मय आदि का संपूर्ण विवरण दिया गया है।कुछेक मंत्रों में तो जादू-टोने का भी वर्णन है।अथर्ववेद में परीक्षित को कुरुओं का राजा माना गया है।तथा कुरु देश की समृद्धि का अच्छा चित्रण प्राप्त होता है।इसके अंतर्गत सभा एवं समिति को प्रजापति की दो पुत्रियांँ भी कहा गया है। वेदों को अच्छी तरह से समझने हेतु छह वेदांगों की रचना हुई है जो इस प्रकार हैं – शिक्षा, ज्योतिष, कल्प, व्याकरण, निरुक्त एवं छंद हैं।इन छह वेदांगों में वेदों को विस्तृत रूप से वर्णित किया गया है।

The following are the four types of Vedas-
1.Rigveda– The collection of systematic knowledge of hymns is called Rigveda.This Veda is the oldest text.It contains 10 mandalas, 1028 suktas and 10,462 hymns.The sage who studies the hymns of Rigveda is called Hotri. This Veda gives information about the political system and ancient history of Arya. This Veda by Vishvamitra In its third mandala is the famous Gayatri Mantra dedicated to the sun god Savitri.There is a famous mention of the deity Soma in its 9th mandala.The handwritten hymns of its 8th mandala are known as Khil. According to which the four varnas (Brahmin, Kshatriya, Vaishya and Shudra) originated from the mouth, arms, thighs and feet respectively of the original Purush Brahma.It is believed that in this Veda itself 250 hymns have been composed for Indra and 200 for Agni.
2.Yajurveda– The compilation of mantras for recitation and rules for compliance at the time of sacrifice is called Yajurveda.Its study is called Adhvaryu.In Yajurveda, a compilation of rules and regulations of sacrifices is also found.It is a Veda which is found in both prose and verse.< br> 3.Samaveda– The word 'Sama' means song. This Veda mainly contains a compilation of hymns (mantras) sung on the occasion of yagyas.The learner is called Udratra. Samaveda is also called Father of Indian Music.The description of any particular historical event is not found in Samaveda.
4.Atharvaveda– This Veda, composed by Atharvaveda sage, has a total of 731 mantras and about 6000 verses. Some of its mantras are even older than the Rigvedic mantras.Atharvaveda completely condemns the birth of girls.From a historical point of view If seen, the importance of Atharvaveda lies in the fact that under it the details of the thoughts and superstitions of ordinary human beings are obtained.Prithvi Sukta is considered to be the representative hymn of Atharvaveda.It covers all aspects of human life– house construction, progress of agriculture, business.Exploration of the paths, disease prevention, coordination, marriage and love songs, royal devotion, election of the king, many plants and medicines, curses, captivity, atonement, motherland greatness etc.Complete details have been given.In some mantras, magic- There is also a description of sorcery.In Atharvaveda, Parikshit is considered as King of Kurus.And the prosperity of Kuru country is well depicted. To understand the Vedas well, six Vedangas have been composed which are as follows – education, astrology, kalpa, grammar, nirukta and verses.In these six Vedangas, the Vedas were described in detail.

I hope the above information will be useful and important.
(आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।)
Thank you.
R F Temre
edudurga.com

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