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घमण्ड, अहंकार, दम्भ, दर्प, गर्व, अभिमान, अहम् एवं अहंमन्यता शब्दों में सूक्ष्म अंतर एवं वाक्य में प्रयोग

  • BY:
     RF Temre
  • Posted on:
    August 11, 2021

हिन्दी भाषा के शब्द जैसे घमण्ड, अहंकार, दम्भ, दर्प, गर्व, अभिमान, अहम् , अहंमन्यता समानार्थक लगते हैं, किन्तु इन शब्दों में सूक्ष्म अंतर है। नीचे प्रत्येक शब्द का अर्थ एवं वाक्य में प्रयोग दिया गया है।

घमण्ड - सभी स्थितियों में अपने को बड़ा और दूसरे को हीन समझना। अहमन्यता, अभिमान का प्रचंड रुप, सभी स्थितियों में स्वयं को बड़ा, दूसरों को हीन समझने का भाव।
उदाहरण - रावण का भी घमण्ड नहीं रहा तो फिर तुम क्या चीज हो।

अहंकार - मन का गर्व, झूठे अपनेपन का बोध होना।
उदाहरण - 1. सबसे अच्छे अंक प्राप्त होने पर उसे बहुत अहंकार हो गया है।
2. उसे अपनी राजनीतिक पहुँच का अहंकार हो गया है।

दम्भ - किसी प्रकार की न योग्यता होते हुए भी बड़ा समझना।
उदाहरण - मनुष्य में दम्भ नहीं होना चाहिए।

दर्प – नियम के विरुद्ध काम करने पर भी घमंड करना।
उदाहरण - लड़के को अपने पिता का विधायक होने का दर्प है।

गर्व - किसी तरह का अच्छा कार्य होने पर ऊँचा होने की भावना या विद्या, धन आदि के कारण बड़ा समझने का भाव गर्व होता है।
उदाहरण - हमें अपने देश पर गर्व है।

अभिमान - प्रतिष्ठा में अपने को बड़ा और दूसरे को छोटा समझना।
उदाहरण - सभी के सामने अकड़ कर चलता है, पता नहीं उसे किस बात का अभिमान है।

अहम् - हम भी कुछ है यह प्रदर्शित किया जाता है।
उदाहरण - आजकल वह सीधे मुँह बात नहीं करता, पता नहीं उसे किस बात का अहम् है।

अहंमन्यता - अंह का प्रदर्शन, अहंकार का प्रचंड रूप।
उदाहरण - उसे उसकी ही अहंमन्यता ले डूबेगी।

हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।।
1. 'स्रोत भाषा' एवं 'लक्ष्य भाषा' क्या होती है? इनकी आवश्यकता एवं प्रयोग
2. दुःख, दर्द, कष्ट, संताप, पीड़ा, वेदना आदि में सूक्ष्म अंतर एवं वाक्य में प्रयोग
3. झण्डा गीत - झण्डा ऊँचा रहे हमारा।

हिन्दी भाषा एवं इसका शिक्षा शास्त्र के इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें।
1. भाषा सीखना और ग्रहणशीलता - भाषा और मातृभाषा क्या हैं? परिभाषाएँ
2. भाषा शिक्षा शास्त्र, बालकों को भाषा सिखाने हेतु महत्वपूर्ण तथ्य
3. भाषा की दक्षताएँ, लेखन एवं भाव संप्रेषण के आधार, भाषा सीखना एवं सुधार
4. भाषा ग्रहणशीलता एवं भाषा ग्रहणशीलता के तत्व- भाषा ग्रहणशीलता को प्रभावित करने वाले कारक
5. भाषा शिक्षण के सिद्धांत


आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
(I hope the above information will be useful and important. )
Thank you.

R. F. Tembhre
(Teacher)
edudurga.com

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