राज्य शिक्षा केंद्र के पत्र क्र./रा.शि.के/मूल्यांकन/5-8 परीक्षा/2023-24/8575 भोपाल, दिनांक: 27.12.2023 के अनुसार कक्षा 5वीं एवं 8वीं की वार्षिक परीक्षा सत्र 2023-24 हेतु प्रोजेक्ट वर्क तैयार करने के निर्देश के साथ साथ सुझावात्मक प्रोजेक्ट वर्क परिशिष्ट 'अ' में दिये गए हैं। इनमें से कोई दो प्रोजेक्ट वर्क हल कर विद्यालय में जमा करना है। यहाँ दिये गए सभी पाँचों प्रयोजना कार्यों का वर्णन (हल) केवल एक उदाहरण दिया गया है। विद्यार्थीगण इसी तरह की जानकारियों का वर्णन कर अपना प्रोजेक्ट वर्क तैयार कर सकते हैं।
अपने स्कूल या घर के आसपास कुछ ऐसे लोगों से बात करो, जिन्होंने अपनी रोजी-रोटी के लिए कोई जानवर पाला हो, जैसे टाँगे के लिए घोड़ा, अण्डों के लिए मुर्गियाँ आदि। बातचीत के बिन्दु
(1) कौन सा जानवर पाला गया?
उत्तर– घोड़ा।
(2) कितने जानवर पाले जाते हैं?
उत्तर– 15 से 25 घोड़े।
(3) क्या जानवरों को रखने के लिए अलग-अलग जगह है?
प्रायोजना विवरण– हाँ, जानवरों को रखने के लिए पालनकर्ता अपने घर के आसपास या किसी खेत के आसपास एक अस्तबल बनाता है, जिसमें घोड़ा को रखा जाता है, वहाँ उनके पानी पीने तथा भोजन की पूरी व्यवस्था रखी जाती है। घोड़ो को रखने के लिए हमें लगभग 170 वर्गफुट स्थान की आवश्यकता होती है।
(4) उनकी देख-रेख कौन करता है?
उत्तर– घोड़ों की देखभाल वहाँ रहने वाले चौकीदार या वहाँ पर कार्य करने वाले कर्मचारी करते हैं। इनका कार्य देखभाल करना, निरीक्षण और खिलाना-पिलाना और उनकी समस्याओं का समाधान करना है।
(5) वे क्या खाते हैं?
उत्तर– घोड़ा अपने वजन का एक प्रतिशत घास खा सकता है। घोड़े को लाजा और घास, इब, लेबिया, ब्रसिका, भुसी, चुकंदर, पेलेट मिक्स, जई, बाजरा, कटी हुई घास को खिलाया जाता है।
(6) क्या कभी जानवर बीमार भी पड़ते हैं? तब पालने वाला क्या करता है? अपने इस सर्वे की रिपोर्ट तैयार कीजिए।
उत्तर– हाँ, जानवर बीमार पड़ते हैं, तब पालने वाला उन्हें पहले तो पानी पिलाता है, फिर उन्हें काढ़ा पिलाया जाता है तथा घोड़ो को हर बीमारी से बचाने के लिए उन्हें लुम्मे खिलाए जाते हैं, जो घर बीमारी का इलाज है। यदि घोड़ा फिर भी ठीक नहीं होता तो पालनकर्ता उन्हें नजदीक जानवर चिकित्सालय में ले जाकर चिकितस्क को दिखाकर दवा या इंजेक्शन लगवाता है।
आप अपने गाँव के किन्हीं तीन ऐसे लोगों से बात करिए, जो मौसमी स्थानान्तरण करते हैं, उनके अनुभवों को जानकर लिखिए।
पता करिए– वे किस मौसम में जाते हैं? साथ में कौन-कौन जाता है? कहाँ जाते हैं? उन्हें क्यों जाना पड़ता है? जाकर वो क्या काम करते हैं? उन्हें कितने पैसे मिलते हैं? जाकर अपने रहने का इंतजाम कहाँ करते हैं? उनके बच्चों की स्कूल की पढ़ाई का क्या होता है? वहाँ कौन-सी भाषा बोली जाती है?
प्रायोजना विवरण– जब किसी मौसम में लोग एक स्थान छोड़कर दूसरे अनुकूल स्थान पर रहने लगते हैं तथा मौसम बदलते ही पुनः उस स्थान पर जाकर रहने लगते हैं, इसी मौसमी स्थानांतरण को 'ऋतु प्रवास' भी कहा जाता है।
हमने आज अपने गाँव के मोहनलाल, मदनकाका व राजेश भील ऐसे तीन लोगों से बात की जो मौसमी स्थानांतरण करते हैं, उसमें उनके निम्न अनुभव प्राप्त हुए–
(i) वे गर्मी व वर्षा के मौसम में बाहर जाते हैं।
(ii) उनके साथ उनकी पत्नी, अपने मित्रों व भाइयों के साथ या अकेले भी जाते हैं।
(iii) जब गर्मी के मौसम में पानी की कमी होती है, जिससे अधिक सूखा पड़ता है और वहाँ कोई फसल लग नहीं पाती, तो उन लोग को अपने जीवनयापन व आय प्राप्ति के लिए अपने गाँव से दूर जाना पड़ता है।
(iv) गाँव से लोग शहरों की तरफ जाते हैं, वहाँ अधिक रोजगार या कार्य की प्राप्ति हो जाती है।
(v) वहाँ जाकर वे लोग अपनी योग्यता के अनुसार कार्य करते हैं। अधिकतर लोग मजदूरी हम्माली एवं रोड साइड छोटी-छोटी दुकाने लगाते हैं, जैसे गन्ने की चरखी या जूस की दुकान।
(vi) उन्हें प्रतिदिन के हिसाब से 300 से 400 या 500 से 700 रुपये तक प्राप्त हो जाते हैं।
(vii) वे अपने रहने के लिए किराये का मकान लेते हैं या जहाँ कार्य करते हैं, वहीं का मालिक उन्हें रहने का कमरा दे देता है।
(viii) यदि वे बच्चों को साथ लाते हैं, तो उन्हें सरकारी विद्यालय या पास के किसी विद्यालय में भेजते हैं और यदि बच्चे गाँव में रहते हैं तो वहाँ के विद्यालय में जाते हैं।
(ix) वहाँ लोकल शहरी भाषा बोली जाती है।
बच्चे अपने किसी दोस्त/रिश्तेदार से बात करें, जो हाल ही में किसी जगह गए हों। दोस्त/रिश्तेदार से उसके यात्रा के शुरुआत से वापसी तक के अनुभव को जाने।
पता करें– वे किस मौमस में गए थे? साथ में कौन-कौन था? कैसे गए थे (वाहन)? वहाँ पर कौन-कौन से पेड़-पौधे हैं? वहाँ पानी के साधन क्या हैं? आसपास कौन-से जीव-जन्तु रहते हैं? वहाँ कौन लोग रहते हैं और वे आजीविका के लए क्या काम करते हैं? खाने-पीने की क्या-क्या चीजे वहाँ पर मिलती है? वहाँ कौन-सी भाषा बोली जाती है?
प्रायोजना विवरण–
(i) वे गर्मी के मौसम में गए थे।
(ii) साथ में माता-पिता, भाई व चाचा-चाची गए थे।
(ii) वह लोग ट्रेन से गए थे।
(iv) वहाँ पर आम, नीम, खजूर, जाम, बरगद आदि कई तरह के पेड़-पौधे थे।
(v) वहाँ पर सिंचाई के लिए नलकूप खनन है। कुएँ, बोरवेल तथा नर्मदा पाइप लाइन है तथा कई जगह पर वाटर हार्वेस्टिंग लगाए गए हैं, जिससे गर्मी में पानी की किल्लत से बचा जा सके।
(vi) वहाँ पर आसपास गाय, कुत्ता, बकरी, भैंस, एवं स्थानीय पशु पाए जाते हैं।
(vii) वहाँ पर अनेक जातियों के लोग रहते हैं, जो अलग-अलग तरह से अपनी आजाविका को पूर्ण करने के लिए अनेकों कार्य करते हैं। जैसे- पुजारी पूजा करवाते हैं तथा कुछ लोग भोजनालय में भोजन बेचने का कार्य करते हैं।
(viii) उज्जैन में पोहा हल्का नाश्ता है, जो एक प्रसिद्ध व्यंजन है तथा इसके अलावा कचौरी, जलेबी, गुलाब जामुन, आलूबड़ा आदि मिलता है और दाल बाफले यहाँ का मुख्य भोजन माना जाता है।
(ix) वहाँ पर मीठी मालवी भाषा बोली जाती है।
अपने आसपास किसी खेत पर जाइए, वहाँ किसानों से बातचीत कर गेहूँ बोने से लेकर फसल कटने तक की जानकारी एकत्रित करिए। गेहूँ की खेती से संबंधित चित्र पत्र-पत्रिकाओं से एकत्र कर प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करें।
प्रायोजना विवरण– भारत में गेहूँ एक मुख्य फसल है। गेहूँ का लगभग 97% क्षेत्र सिंचित है। गेहूं का प्रयोग मनुष्य अपने जीवनयापन हेतु मुख्यतः रोटी के रूप में प्रयोग करते हैं, जिसमें कार्बोहाइड्रेट एवं प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। भारत में पंजाब, हरियाणा एवं उत्तरप्रदेश मुख्य फसल उत्पादक क्षेत्र हैं।
1. गेहूँ की प्रमुख प्रजातियाँ– गेहूँ की प्रजातियों का चुनाव भूमि एवं साधनों की दशा में स्थिति के अनुसार किया जाता है। मुख्यतः तीन प्रकार की प्रजातियाँ होती हैं। सिंचित दशा वाली, असिंचित दशा वाली एवं उसरीली भूमि की असिंचित दशा वाली।
2. खेतों की जुताई– पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से तथा बाद में डिस्क हैरो या कल्टीवेटर से 2-3 जुताइयाँ करके खेत को समतल करते हुए भुरभुरा बना लेना चाहिए। ट्रैक्टर चालि रोटावेटर से एक ही जुताई द्वारा खेत पूर्ण रूप से तैयार हो जाता है।
3. बुवाई विधि– गेहूँ की बुवाई अक्टूबर के प्रथम पक्ष से द्वितीय पक्ष तक उपयुक्त नमी में बुवाई करनी चाहिए। अब आता है सिंचित दशा, इसमें की चार पानी देने वाली हैं, समय से अर्थात् 15-25 नवम्बर, सिंचित दशा में ही तीन पानी वाली प्रजातियों के लिए 15 नवम्बर से 10 दिसम्बर तक उचित नमी में बुवाई करनी चाहिए। गेहूँ की बुवाई देशी हल के पीछे लाइनों में करनी चाहिए या फर्टीसीडिल से भूमि में उचित नमी पर करना लाभदायक है। पंतनगर सीड्रिल बीज व खाद सीडिल से बुवाई करना अत्यन्त लाभदायक है।
4. उर्वरकों का प्रयोग– किसान भाइयों उर्वरकों का प्रयोग मृदा परीक्षण के आधार पर करना चहिए। गेहूँ की अच्छी उपज के लिए खरीफ की फसल के बाद भूमि में 150 कि.ग्रा. नत्रजन, 60 कि.ग्रा. फास्फोरस तथा 40 कि. ग्रा. पोटाश प्रति हैक्टर तथा देर से बुवाई करने पर 80 कि.ग्रा. नत्रजन, 60 कि.ग्रा. फास्फोरस तथा 40 कि. ग्रा. पोटाश अच्छी उपज के लिए 60 कुंटल प्रति हैक्टर सड़ी गोबर की खाद का प्रयोग करना चाहिए।
5. गेहूँ की फसल में खरपतवार नियन्त्रण– गेहूँ की फसल में रबी के सभी खरपतवार जैसे बथुआ, प्याजी, खरतुआ, हिरनखुरी, चटरी, मटरी, सैंजी, अंकरा, कृष्णनील, गेहुंसा तथा जंगली जई आदि खरपतवार लगते हैं। इनकी रोकथाम निराई-गुड़ाई करके की जा सकती है, लेकिन कुछ रसायनों का प्रयोग करके रोकथाम किया जा सकता है, जो कि निम्न हैं। जैसे कि पेंडामेवेलिन 30 ई.सी., 24डी सोडियम साल्ट, 80% डब्ल्यू. पी. आदि।
6. कटाई– फसलें पकते ही बिना प्रतीक्षा किए हुए कटाई करके तुरंत ही मड़ाई कर दाना निकाल देना चाहिए और भूसा व दाना यथा स्थान पर रखना चाहिए अत्यधिक क्षेत्रों वाली फसल की कटाई कम्बाइन से करनी चाहिए, इसमें कटाई या मड़ाई एक साथ ही जाती है, जब कम्बाइन से कटाई की जाती है।
ऊँचाई पर तापक्रम अत्यधिक कम होने और ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए पर्वतारोहियों को ऑक्सीजन सिलेंडर ले जाने के पिक्सचर्स/पोस्टर्स एकत्रित करिए और उनके बारे में लिखिए।
1. ऊँचाई पर जीवनयापन में क्या-क्या मुश्किलें आती हैं? लिखिए।
2. कठिनाइयों के समाधान खोजने के लिए वहाँ पर लोग क्या करते हैं? पता करिए और लिखिए।
3. आपको यदि किसी बर्फीले स्थान पर जाना हो तो अपने साथ ले जाने योग्य जरूरी वस्तुओं की सूची बनाइए।
प्रायोजना विवरण– (i) पहाड़ी जीवन की कठिनाई इसी बात से लगाई जा सकती है कि यहाँ पर पहाड़ स्थित हैं, जहाँ पर पहाड़ होंगे, वहाँ पर यातायात के साधन लोगों को उपलब्ध करवाना कठिन हो जाता है, जहाँ मैदानी इलाकों में सड़कें बनाने में कुछ महीने का समय लगता है, वहीं पहाड़ों में इसी काम को करने में दो से पाँच साल लग जाते हैं। सड़क बनाने में यहाँ आधुनिक साधनों से सहायता नहीं ली जा सकती है। लोगों द्वारा ही यहाँ पर कार्य करवाया जाता है। संकरी रास्तों को बड़ा बनाने में ही कई महीने लग जाते हैं। यही कारण है कि यहाँ विकास की दर कम होती है। यातायात की व्यवस्था जहाँ स्थापित हो गई तो समझ लीजिए कि विकास रफ्तार पकड़ लेता है। फिर उसके विकास को कोई रोक नहीं सकता। है। पहाड़ी लोगों का जीवन भी इन कारणों से बहुत कष्टप्रद होता है। सीढ़ीनुमा खेतों के कारण खेती अधिक नहीं होती। यदि बारिश आवश्यकता से अधक हो गई तो पानी उनकी मेहनत को भी बहा ले जाता है और यदि नहीं हुई तो फसल सूख जाती है। वहाँ पर गाय तथा भैसें भी अधिक दुधारू नहीं होती है। कारण लोगों को मजदूरी करके जीवनयापन करना पड़ता है। खेतों में होने वाली मेहनत कमर तोड़ होती है। जानवरों के रखरखाव के लिए औरतों को पूरे-पूरे दिन जंगलों में भटकना पड़ता है, तब जाकर वे गाय भैसों के लिए चारे का इंतजाम कर पाती है। उनके लिए जीवन मात्र कठिन परिश्रम रह जाता है। नौकरी, चिकित्सा तथा शिक्षा का अभाव होता है। आज इनके अभाव के कारण ही बहुत से लोग पहाड़ों से पलायन कर रहे हैं। पहाड़ों पर जीवन अभावग्रस्त है। अतः इनके जीवन की कठिनाई का अंदाजा लगाया जा सकता है।
(ii) पहाड़ों पर कठिनाइयों के समाधान खोजने के लिए वहाँ के बलोग पहाड़ी पर धीरे-धीरे चलते हैं, जिससे साँस नहीं फूलती और वह आसानी से ऊपर चढ़ जाते हैं। चढ़ते वक्त यह ध्यान में रखा जाता है कि चढ़ते वक्त शरीर का तापमान बढ़ जाता है तो हमें पानी पीते रहना चाहिए। बर्फीली हवाओं से बचने के लिए वे लोग कोट व ऊन की व फलालेन के कपड़ों का इस्तेमाल करते हैं। यह अपने साथ पैक बंद खाने का डिब्बा, कच्चा सामान साथ लेकर चलते हैं। इसी से यह अपने भोजन की व्यवस्था करते हैं। पहाड़ों पर चढ़ने के लिए ये लोग नुकीली छड़ी का इस्तेमाल करते हैं, ताकि फिसलने से बचा सके। वह नुकीली कील वाले जूते पहनते हैं, जिससे की बर्फ में फिसलने से बचा जा सके।
(iii) बर्फीले स्थान पर जाने के लिए योग्य जरूर वस्तुएँ- जैकट, बैग, मफलर, मौजे, ग्लब्स, आपाताकीलन नंबर, जरूरी सामान की लिस्ट, गर्म कपड़े, टॉर्च, सीटी, फर्स्टएड किट, कुछ पासपोर्ट साइज फोटो, छाता, आईडी कार्ड की फोटोकॉपी, ग्लूकोज पाउडर, बिस्किट, नमकीन आदि चीजों को ले जाने की तैयारी करनी चाहिए।
प्रायोजना कार्य कक्षा 5वीं व 8वी वार्षिक परीक्षा सत्र 2023-24
1. RSK निर्देश कक्षा 5वीं के सुझावात्मक प्रोजेक्ट वर्क
2. कक्षा 8वीं विषय हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान के सुझावात्मक प्रोजेक्ट वर्क
3. हिन्दी कक्षा 8 के 5 सुझावात्मक प्रोजेक्ट वर्क हल सहित
प्रायोजना कार्य कक्षा पांचवी वार्षिक परीक्षा सत्र 2022-23
1. वार्षिक परीक्षा हिन्दी विशिष्ट कक्षा 5वीं प्रोजेक्ट कार्य
2. वार्षिक परीक्षा गणित कक्षा 5 वीं प्रोजेक्ट कार्य
3. वार्षिक परीक्षा English General कक्षा 5 वीं प्रोजेक्ट कार्य
4. वार्षिक परीक्षा पर्यावरण अध्ययन कक्षा 5 वीं प्रोजेक्ट कार्य
कक्षा 8 प्रायोजना कार्य
1. 8th प्रोजेक्ट कार्य हिन्दी विशिष्ट
2. 8th प्रोजेक्ट कार्य संस्कृत
3. 8th प्रोजेक्ट कार्य सामाजिक विज्ञान
4. 8th प्रोजेक्ट कार्य गणित
5. 8th प्रोजेक्ट कार्य अंग्रेजी
कक्षा 8 प्रायोजना कार्य
1. 8th प्रोजेक्ट कार्य हिन्दी विशिष्ट
2. 8th प्रोजेक्ट कार्य संस्कृत
3. 8th प्रोजेक्ट कार्य सामाजिक विज्ञान
4. 8th प्रोजेक्ट कार्य गणित
5. 8th प्रोजेक्ट कार्य अंग्रेजी
प्रायोजना कार्य कक्षा पांचवी वार्षिक परीक्षा सत्र 2022-23
1. वार्षिक परीक्षा हिन्दी विशिष्ट कक्षा 5वीं प्रोजेक्ट कार्य
2. वार्षिक परीक्षा गणित कक्षा 5 वीं प्रोजेक्ट कार्य
3. वार्षिक परीक्षा English General कक्षा 5 वीं प्रोजेक्ट कार्य
4. वार्षिक परीक्षा पर्यावरण अध्ययन कक्षा 5 वीं प्रोजेक्ट कार्य
वार्षिक परीक्षा सत्र 2022-23 प्रश्न पत्र (हल सहित)
1. वार्षिक परीक्षा सत्र 2021-22 कक्षा 5 वी हिन्दी विशिष्ट का प्रश्न पत्र (हल सहित)
2. मॉडल प्रश्न पत्र वार्षिक परीक्षा- 2023 विषय हिन्दी विशिष्ठ कक्षा पांचवी
3. मॉडल प्रश्न पत्र वार्षिक परीक्षा- 2023 विषय गणित कक्षा पांचवी
4. [1] English मॉडल प्रश्न पत्र वार्षिक परीक्षा- 2023 कक्षा 5th
5. [2] English मॉडल प्रश्न पत्र वार्षिक परीक्षा- 2023 कक्षा 5th
6. पर्यावरण मॉडल प्रश्न पत्र वार्षिक परीक्षा- 2023 कक्षा 5th
वैकल्पिक प्रश्न वार्षिक परीक्षा सत्र 2022-23
1. (1) 40 अंग्रेजी जनरल वैकल्पिक प्रश्न
2. (2) 40 अंग्रेजी जनरल वैकल्पिक प्रश्न
मॉडल आंसरशीट अर्द्धवार्षिक परीक्षा सामग्री कक्षा 5 हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, पर्यावरण।
1. मॉडल आंसर शीट 5th विषय हिन्दी अर्द्धवार्षिक परीक्षा 2023-24
2. मॉडल आंसर शीट 5th विषय English अर्द्धवार्षिक परीक्षा 2023-24
3. मॉडल आंसर शीट 5th विषय गणित अर्द्धवार्षिक परीक्षा 2023-24
4. मॉडल आंसर शीट 5th विषय पर्यावरण अध्ययन अर्द्धवार्षिक परीक्षा 2023-24
अर्द्धवार्षिक परीक्षा सामग्री कक्षा 5 हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, पर्यावरण को पढ़ें।
1. ब्लूप्रिंट आधारित गणित का जादू कक्षा 5 प्रश्न पत्र (हल सहित)
2. ब्लूप्रिंट आधारित गणित का जादू कक्षा 5 प्रश्न पत्र (हल सहित)
3. ब्लूप्रिंट आधारित प्रश्न पत्र विषय पर्यावरण अर्धवार्षिक परीक्षा कक्षा 5
4. ब्लूप्रिंट आधारित हिन्दी मॉडल प्रश्न पत्र अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन 2023-24
5. अर्द्धवार्षिक परीक्षा सामग्री विषय हिन्दी कक्षा 5
6. पर्यावरण ब्लूप्रिंट आधारित मॉडल प्रश्न पत्र अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन 2023-24
7. 25 रिक्त स्थान पूर्ति प्रश्न विषय हिंदी कक्षा पांचवी
8. हिन्दी 12 प्रश्न वैकल्पिक एवं 12 प्रश्न एक शब्द में उत्तर वाले प्रश्न
आशा है, उपरोक्त जानकारी उपयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी।
(I hope the above information will be useful and important. )
Thank you.
R. F. Tembhre
(Teacher)
edudurga.com
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